सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय में धूमधाम से मनाया गया विश्व पर्यावरण दिवस





नवीन चौहान
सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय में विश्व पर्यावरण दिवस के पर्व पर नेशनल कैंपेन ऑन 2020 मेडिशनल प्लांट्स फ़ॉर 2020 के तहत औषधीय पौंधों का रोपण किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर नरेंद्र सिंह भंडारी,परिसर निदेशक प्रोफेसर जगत सिंह बिष्ट, डॉ बिपिन चंद्र जोशी ने विश्वविद्यालय के अधिकारियों और शिक्षकों को औषधीय पौंधे वितरित किये।
औषधीय पौधों के विशेष औषधीय गुणों के कारण इनका महत्व लोगों के स्वास्थ्य की दृष्टि से बहुत है। औषधीय पौधों का प्रयोग भोजन, स्वाद, दवा या सुगंध के लिए किया जाता रहा है। राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड, नई दिल्ली द्वारा देशभर में औषधीय पौधों के प्रति जागरुकता बढ़ाने के उद्देश्य से एक प्रोजेक्ट 2020 में प्रारंभ किया गया। जिसमें 20 औषधीय पौधों को हर घर में उगाने के लक्ष्य को रखा गया है। औषधीय पौधों में स्व रोजगार सृजन भी किया जा सकता है। यदि हम तुलसी की बात करें तो तुलसी का तेल बाजारों में 800 से 1000 प्रति किलो तक बिकता है। जबकि इसका बीज भी काफी महंगा बिक जाता है। 3 महीने में ही तुलसी तैयार हो जाती है। कोरोना के समय प्रवासी लोग अपने अपने गांव लौटे हैं यदि वे अपने बंजर पड़ी खेतों में तुलसी की खेती करें तो 3 महीने में ही 1 से 200000 तक आय अर्जित कर सकते हैं। तुलसी के पौधों को अप्रैल-मई में लगाया जाता है और इसमें आसानी से कोई रोक भी नहीं लगता है। प्रोजेक्ट संयोजक डॉ विपिन चंद्र जोशी ने बताया कि आज आज औषधीय पौधों के महत्व को घर-घर तक पहुंचाने की आवश्यकता है। उन्होंने जिन औषधीय पौधों की बात की है। उसमें घृतकुमारी ब्राह्मी,मंडोकपमी, लेमन ग्रास, अदुसा/वासा, लाजवंती,करी पत्ता, आंवला, गिलोय, अश्वगंधा, शतावरी,पुनर्नवा, हट जोड़ी, गुड़ल, मेहंदी, सहजान, तुलसी पत्ता, अज्वाइन, निर्गुंडी, अदरक हैं।
इस अवसर पर डॉ नवीन भट्ट,डॉ नंदन बिष्ट, नमामि गंगे की विश्वविद्यालय संयोजक डॉ ममता असवाल, डॉ भाष्कर चौधरी, डॉ मुकेश सामंत, कूर्मांचल छात्रावास के अधीक्षक डॉ देवेंद्र धामी, डॉ ललित जोशी,गिरीश अधिकारी, रजनीश जोशी, चंदन लटवाल, ललित पोखरिया,गोबिंद मेर, मोहन सिंह , दिनेश पटेल, गौरव उप्रेती, विजयानंद जोशी, अंकित जोशी ,अंकुर कांडपाल, अतुल कुमार यादव , गौरव उप्रेती आदि शामिल हुए।



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