नवीन चौहान.
श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय के मुख्यालय बादशाहीथौल में विश्व पर्यावरण दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर परिसर में फलदार और औषधीय पौधों का रोपण किया गया।
इस अवसर पर वृक्षारोपण करते हुए कुलपति डॉ ध्यानी ने कहा कि उन्हें बहुत ही संतोष मिलता है जब उन्हें याद आता है कि उन्होंने अपने जीवन में बद्रीवन की पुर्नस्थापना और नन्दावन व कालिकावन की स्थापना करने के लिए हजारों पेड़ों को स्वयं लगाया था। वृ़क्ष लगाकार उन्हें आत्मसंतुष्टि मिलती है और प्रकृति के सुनहरे रूपों को निखारने से उनकी उत्पादकता दिन प्रतिदिन बढ़ती है।
इस दौरान कुलपति डॉ ध्यानी ने विश्व पर्यावरण दिवस की थीम केवल एक पृथ्वी के बारे में प्रतिभागियों को विस्तृत रूप से अवगत कराया। कहा कि ब्रहमाण्ड में अरबो आकाशगंगाये है लेकिन केवल पृथ्वी ही ऐसा ग्रह है जहां जीवन पाया जाता है। इस अद्वितीय और सुंदर ग्रह का संरक्षण और संवर्धन करना विश्व के प्रत्येक मनुष्य का दायित्व है।
उन्होंने कहा कि पृथ्वी में जीवन है और आज प्रकृति आपातकालीन मोड में है। डॉ ध्यानी ने कहा कि सन 1973 से हम विश्व पर्यावरण दिवस मना रहे हैं, पिछले 50 वर्षों में विश्व में कई वैश्विक समझौते हुए, कई कार्य हुए और कई प्रयास हुए लेकिन पृथ्वी उतनी स्वच्छ और संरक्षित नहीं हुई जिनती कोविड 19 के दौरान लाकडाउन के समय में हुई। इससे सबक सीखते हुए यूनाइटेड नेशन्स जनरल असेम्बली को स्वत: संज्ञान लेते हुए इंटनरनेशनल लाकडाउन डे घोषित कर एक तिथि निर्धारित करनी चाहिए। यह कदम विश्व पर्यावरण को संरक्षित करेन के लिए मील का पत्थर साबित होगा।
कुलपति डॉ ध्यानी ने यह भी कहा कि विश्व पर्याव्रण को संरक्षित करने के लिए हम अपनी अथ्ज्र्ञव्यवस्थ्ज्ञाओं और समाजों को समावेशी, निष्पक्ष और प्रकृति के साथ अधिक जुड़ाव के लिए बदल दें। हमें पृथ्वी ग्रह को नुकसान से हटाकर उसे ठीक करने की ओर बढ़ना चाहिए। यदि ऐसा नहीं हुआ तो एक दिन पृथ्वी से मानव अस्तित्व खतरे में पढ़ जाएगा।
विश्व पर्यावरण दिवस आयोजन के अवसर पर विश्वविद्यालय में कुलसचिव खेमराज भट्ट, सहायम परीक्षा नियंत्रक डॉ बीएल आर्य, डॉ हेमन्त बिष्ट, सहायक कुलसचिव हेमराज चौहान, प्र0 निजी सचिव कुलपति कुलदीप सिंह नेगी, रविन्द्र, राहुल, विनोद, जगवीर सिंह, दीपक, महेश, कुलदीप सिंह, दीपक, उपेन्द्र, विनोद प्रसाद, आदि उपस्थित रहे। विश्व दिवस पर इस कार्यक्रम का आयोजन डॉ हेमन्त विष्ट द्वारा किया गया।