नवीन चौहान
श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय ने विश्व पर्यावरण दिवस विश्वविख्यात पर्यावरणविद् स्वर्गीय सुन्दर लाल बहुगुणा को समर्पित करके पर्यावरण प्रेमियों के लिए अनूठी पहल शुरू की है। श्रीदेव सुमन उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय के मुख्यालय, बादशाहीथौल के कुलपति डॉ पीपी ध्यानी अपनी दूरदर्शी सोच के लिए जाने जाते है। विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर भी कुलपति डॉ पीताम्बर प्रसाद ध्यानी ने पर्यावरणविद् स्वर्गीय श्री सुन्दर लाल बहुगुणा जी की स्मृति में पौध रोपण कर उनको श्रद्धांजलि दी और पर्यावरण प्रेमियों को पौधों की देखभाल करने का संकल्प कराया।
कुलपति डॉ पीपी ध्यानी के निर्देशानुसार विश्वविद्यालय के समस्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने, कोविड-19 गाइडलाइन का पालन कर, विश्व विख्यात पर्यावरणविद् स्वर्गीय श्री सुन्दर लाल बहुगुणा जी की स्मृति में पौध रोपण किया। इस अवसर पर सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने मुख्यालय परिसर में साफ सफाई भी की। विश्व पर्यावरण दिवस को श्रीदेव सुमन उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय द्वारा विश्वविख्यात पर्यावरणविद् स्व0 सुन्दर लाल बहुगुणा जी को समर्पित किया गया।
साथ ही साथ विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ ध्यानी ने विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर समस्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों को श्री सुन्दर लाल बहुगुणा जी द्वारा पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में किये गये विशिष्ट योगदान से, विस्तृत रूप में, अवगत कराया। उन्होंने आह्वान किया कि हम स्वर्गीय बहुगुणा जी के जीवन और सिद्धान्तों से प्रेरित होकर, आज अपने जंगलों, नदियों, वनस्पतियों, और जीवों के संरक्षण और सम्बर्धन करने का संकल्प लें, जिन्हे पोषित करने के लिये स्व0 सुन्दर लाल बहुगुणा जी ने पूरे जीवन में प्रयास किये। डा0 ध्यानी ने इस वर्ष विश्व पर्यावरण दिवस की थीम इकोस्टिम रेस्टोरेशन (पारिस्थितिकी तंत्र की पुर्नस्थापना) के बारे में भी सभी अधिकारियों एंव कर्मचारियों को अवगत कराया कि किस तरह मानव ने प्रकृति का अंधाधुंध दोहन किया और पारिस्थिति तंत्र को असंतुलित किया। उन्होने कहा कि आज विश्व में द्रूत गति से जमीन वंजर हो रही है, जैव विविधता में ह्रास हो रहा है, जल संसाधनों में कमी हो रही है, कृषि भूमि लगातार घट रही है, वायु प्रदूषण तीव्र गति से बढ़ रहा है, जंगलों का निरन्तर कटान हो रहा है, और साथ ही साथ मानव जनसंख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। कुलपति डा0 ध्यानी ने यह भी चेताया कि यदि विश्व में मानव जनसंख्या वृद्धि पर रोक नही लगी और यदि पारिस्थिति तंत्र की पुर्नस्थापना हेतु समय रहते गम्भीर प्रयास नही किये गये, तो निश्चित रूप से पृथ्वी में मानव जीवन संकट में पढ़ जायेगा। इसलिये हम सभी का दायित्व है कि हम अपनी प्रकृति का संरक्षण और संवर्धन करें और अपने पारिस्थिति तंत्र की पुर्नस्थापना करें ताकि इसको और अधिक असंतुलित होने से बचा सकें। विश्वविद्यालय के कुलसचिव व परीक्षा नियंत्रक डॉ एमएस रावत ने वृक्षों के महत्व, और पर्यावरण सुधार में जंगलों की महत्वता से सभी प्रतिभागियों को अवगत कराया। यह भी उल्लेखनीय है कि आज श्रीदेव सुमन उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय के कुलपति और सभी अधिकारियों व कर्मचारियों ने ’’नो वेहिकल डे’’ के तहत विश्वविद्यालय मुख्यालय में वाहनों से आवागमन नही किया गया। कुलपति डॉ ध्यानी ने अवगत कराया कि भविष्य में विश्वविद्यालय नई परम्परा के तहत विश्वविद्यालय मुख्यालय में ’’साइकिल संस्कृति’’ को प्रोत्साहित करेगा।
विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर विश्वविद्यालय में कुलसचिव, परीक्षा नियंत्रक प्रो0 एमएस रावत, सहायक परीक्षा नियंत्रक डॉ हेमन्त बिष्ट एवं डॉ बीएल आर्य, सहायक कुलसचिव, हेमराज चौहान, प्र मान्यता एसडी नौटियाल, प्र निजी सचिव, कुलपति कुलदीप सिंह नेगी, रणजीत रावत, जसवन्त बिष्ट, रविन्द्र, तेजप्रकाश, कुलदीप सिंह, राहुल, अमित सजवाण, विनोद, जगवीर सिंह, दीपक, महेश, उपेन्द्र आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन डॉ हेमन्त बिष्ट ने किया।