पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत षडयंत्र का शिकार और राज्यमंत्री हटाने पर क्या बोले, देंखे वीडियो





नवीन चौहान

उत्तराखंड में नेतृत्व परिवर्तन के बाद प्रदेश की सत्ता की कुर्सी पर काबिज मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत एक के बाद एक पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की टीम को बदलने में जुटे है। प्रदेश में कई राज्य मंत्रियों की छुटटी कर दी गई। कई विभागीय अधिकारियों को भी बदला गया। राज्यमंत्रियों को हटाने से सल्ट विधानसभा के उपचुनाव में क्या प्रभाव पड़ेगा। भाजपा 2022 में सत्ता दोबारा कैसे हासिल कर पायेगी। जीरो टालरेंस की मुहिम शुरू करने के पीछे पूर्व मुख्यमंत्री की मंशा क्या थी। मुख्यमंत्री की कुर्सी से हटने के बाद त्रिवेंद्र सिंह रावत की आगे की रणनीति क्या होगी। इन तमाम सवालों के जबाव जनता के दिमाग में घूम रहे है। न्यूज127 पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की सोच और दूरदर्शिता को पाठकों के बीच लेकर आया है।


पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत
ने बताया कि कुंभ के लिए करीब ढाई से तीन सालों से तैयारी की जा रही थी। कोविड और लॉकडाउन के चलते कुंभ के कायों में बाधा उत्पन्न हुई। लेकिन तमाम बाधाओं के बाबजूद स्थायी निर्माण कार्य पुलों का निर्माण करना, घाटों और सड़कों के साथ अंडर ग्राउंड केबलिंग के तमाम कार्यो को समय पर पूरा किया गया। कोविड गाइड लाइन का पालन कराया गया और कोविड अनुरूप आचरण पर पूरा फोकस किया।
पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने न्यूज 127 से बेबाकी से बात की और खुलकर सभी सवालों के जबाव दिए। उन्होंने कहा कि कुंभ पर पूरे विश्व की निगाह है। उनके दृष्टिगत कुंभ के कार्य किए गए। कुंभ का आगाज हो चुका है। हरिद्वार में कुंभ के शाही स्नान होंगे। कुंभ की जितनी तैयारियां की जानी चाहिए थी। कोविड के दौरान कुंभ के सभी कार्य पूरे किए गए। कुंभ का आयोजन बेहद ही भव्य तरीके से होगा। महामारी के बाबजूद उसको नियंत्रिरत करने के काफी प्रयास किए गए। जिसके कुंभ पर्व अदभुत और आलौकिक होगा।
कुंभ महापर्व एक एक मेला नही है।
हमारी आध्यात्मिक विरासत को बढ़ाने और देश काल परिस्थिति के अनुसार ही हमारे साधु संत ऋषिमुनि हमारे समाज का मार्गदर्शन करते है। तमाम देश विदेश के लोग यहां आते है। भारत की संस्कृति और उत्तराखंड की क्षेत्रीय संस्कृति को चित्रों के माध्यम से सभी को जोड़ने का प्रयास किया गया है। चित्रों में हमारी संस्कृति प्रदर्शित होती है। स्वच्छता का भी संदेश जाता है। कुंभ के बजट से कार्य नही हुआ। स्वयंसेवी संस्थाओं के सहयोग से सजावट की गई है। रंगों का संदेश होता है।
जीरो टालरेंस की मुहिम पर पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा क​कि भ्रष्टाचार एक दीमक की तरह है। तो समाज देश और प्रदेश को अंदर ही अंदर खोखला करने का कार्य करता है। भ्रष्टाचार के कारण ही सरकारी कार्यालयों के कार्यो में विलंब होता है। सरकारी अधिकारी कार्य में टाल मटोल करते है। जिसका सबसे बड़ा कारण भ्रष्टाचार है। इसी भ्रष्टाचार पर प्रभावी अंकुश लगाने का प्रयास किया। काफी हद तक सफल रहे है। भ्रष्टाचार को काफी कम किया। लेकिन एक सतत प्रक्रिया है। सरकार बदलने से उसके प्रयास कमजोर हो जाते है। इसलिए सतत प्रयास की आवश्यकता है।
लोकायुक्त गठन पर क्या बोले
पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बताया कि लोकायुक्त गठन की प्रक्रिया सदन के अधीन है। लेकिन उन्होंने बिना लोकायुक्त के भी भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने का प्रयास किया। एक उदाहरण पेश करने के संकल्प के साथ जीरो टॉलरेंस की मुहिम शुरू की। भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करने की मुहिम शुरू की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी भ्रष्टाचार मुक्त सरकार देने की मंशा है। और हमारी वर्तमान सरकार भी इस मुहिम को आगे बढ़ायेगी। भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी जंग जारी रहेगी।
भाजपा एक बड़ा संगठन है। मजबूत टीम है। साल 2022 में भाजपा एक बार फिर सत्ता हासिल करेंगी। वह भाजपा के स​मर्पित कार्यकर्ता है। संगठन जो भी जिम्मेदारी तय करेगा। उसका ईमानदारी से पालन करेंगे।



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