कुलपति डा. पीपी ध्यानी ने श्री भरत मन्दिर पहुंच कर जताया महन्त परिवार का आभार




नवीन चौहान.
श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय के कुलपति डा. पीपी ध्यानी ऋषिकेश परिसर में समायोजित 56 शिक्षकों से रूबरू होकर सीधे श्री भरत मंन्दिर पहुंचे। यहां उन्होंने पंडित हर्ष वर्धन शर्मा व महन्त वत्सल प्रपन्न शर्मा से मिलकर उनका तहे दिल से आभार व्यक्त किया।

उनके पूर्वजों द्वारा बनाये गये ट्रस्ट पं. ललित मोहन शर्मा पब्लिक चैरेटेबल ट्रस्ट, ऋषिकेश द्वारा सन् 1973 में 49.02 एकड भूमि ऋषिकेश में राजकीय डिग्री कालेज की स्थापना करने हेतु स्वईच्छा से दान स्वरूप दी गयी थी। दान से प्राप्त भूमि में उत्तर प्रदेश सरकार ने राजकीय डिग्री कालेज की स्थापना की थी और बाद में उत्तराखण्ड सरकार द्वारा महाविद्यालय को उच्चीकृत कर राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के रूप में स्थापित किया गया था।

कुलपति ने कहा कि आज यह राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय श्रीदेव सुमन उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय का पं. ललित मोहन शर्मा ऋषिकेश परिसर के नाम से स्थापित हो चुका है। डा. ध्यानी ने अवगत कराया कि अब विश्वविद्यालय के इस नवनिर्मित परिसर मेें सबसे पहले पं. ललित मोहन शर्मा जी की भव्य एंव दिव्य प्रतिमा स्थापित की जायेगी और विश्वविद्यालय द्वारा हर वर्ष पं. ललित मोहन शर्मा जी के व्यक्तिव और कृतित्व को और चीस्थाई बनाने के लिये पं. ललित मोहन शर्मा स्मृति व्याख्यान की शुरूवात भी की जायेगी।

पंड़ित हर्षवर्धन शर्मा और महन्त वत्सल प्रपन्न शर्मा ने कुलपति डा. ध्यानी के श्री भरत मन्दिर में पहुंचने पर प्रसन्नता व्यक्त की और उनका आभार व्यक्त किया, और उन्हे भविष्य में विश्वविद्यालय के इस परिसर के चहुंमुखी विकास करने हेतु अपना पूर्ण समर्थन और सहयोग का भरोसा दिया।



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