नवीन चौहान
कांवड़ मेले के दौरान एक होटल में पुलिस की दबिश पड़ी। पुलिस ने छापा मारा और 45 जुआरियों को धर दबोचा। 45 जुआरियों को बंद करने हवालात में जगह कम पड़ गई। जिसके बाद आरोपियों को रानीपुर कोतवाली और एसओजी आफिस में बंद किया गया था। जुआरियों को छुड़ाने के लिए नेताओं के कई फोन भी आए। लेकिन कप्तान और कोतवाल ने किसी नेता की एक नही सुनी। एक भी जुआरी को नही छोड़ा। सभी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। इस हाईप्रोफाइल जुएं का पर्दाफाश तत्कालीन एसएसपी केवल खुराना ने किया। लेकिन तत्कालीन कोतवाल महेंद्र सिंह नेगी की ईमानदारी के चलते होटल मालिक को भी जेल की हवा खानी पड़ी थी।
जी हां कांवड़ मेला चल रहा है। इस दौरान करोड़ों की संख्या में कांवड़ियों का हरिद्वार में आगमन होना है। प्रतिदिन लाखों की संख्या में कांवड़िये हरिद्वार पहुंच रहे है। हरिद्वार के सभी होटल खचाखच भरने लगे है।
इसी आस्था के बीच कुछ मौज मस्ती करने वाले भी होते है। जो कानून व्यवस्था को चुनौती देते है। इसके लिए पुलिस की सजगता बहुत जरूरी है।
हाईप्रोफाइल कैसीनों के चर्चे कांवड़ मेले में यादें ताजा करते है। जो कांवड़ियों की भक्ति में मस्ती को उजागर करते है। घटनाक्रम के मुताबिक तत्कालीन एसएसपी केवल खुराना को हरिद्वार के एक होटल में जुआ खेलने की सूचना मिलती है। सूचना के मुताबिक होटल के सभी कमरों में बड़े स्तर पर जुआ खेला जा रहा था। सूचना मिलते ही एसओजी की टीम तत्कालीन एसओजी प्रभारी ऐश्वर्य पाल के नेतृत्व में सुबह करीब तीन बजे होटल में दबिश देते है। होटल के कमरों की छानबीन करती है। जहां कमोवेश सभी कमरों में जुआ खेला जा रहा था। पुलिस जुआं खेलने वाले सभी आरोपियों को हिरासत में ले लेती है। जिसके बाद तत्कालीन नगर कोतवाली प्रभारी महेंद्र सिंह नेगी की सूचना मिलती है। वह भी पुलिस टीम को लेकर होटल पहुंचते है। सभी आरोपियों को एसओजी की टीम अपने साथ ले जाती है। पूछताछ के बाद सभी आरोपी यूपी के मेरठ के रहने वाले पता चलता है। जिसके बाद हरिद्वार से लेकर मेरठ तक सनसनी मच जाती है। नगर कोतवाली में सिफारिशों का दौर चलता है। लेकिन किसी भी जुआरी को छोड़ा नही जाता है। करीब 45 जुआरियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज होता है। जिनकी जमानत के लिए 90 जमानती हाजिर होते है। पुलिस ने होटल को कैसीनों में तब्दील करने वाले होटल मयूर के मालिक दीपक अग्रवाल के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया था। हरिद्वार के इतिहास में सबसे बड़ा जुआ पकड़ा गया था। हालांकि इसके बाद भी एक जुआ तत्कालीन नगर कोतवाली प्रभारी आरके सकलानी के वक्त पकड़ा गया। जिसमें पुरोहित लॉज में छापा मारा गया और 27 जुआरियों को धर दबोचा गया। साल 2013 में 11 अगस्त की मध्य रात्रि 12 बजे पुलिस ने दबिश दी थी। ऐसे में कांवड़ियों का आगमन जारी है तो होटल पर पुलिस की कड़ी निगरानी की जरूरत तो बनती है।