नवीन चौहान.
अफीम की खेती कराने वाले माफियाओं को सबक सिखाने और खेती को नष्ट कराने वाले थानाध्यक्ष संजीत कुमार को स्वतंत्रता दिवस पर सराहनीय सेवा सम्मान पदक से नवाजा जाएगा। उनकी इस उपलब्धि पर स्थानीय लोगों ने भी हर्ष जताया है।
अफीम की खेती आम तौर पर पाकिस्तान के कबाइली क्षेत्रो और अफगानिस्तान में होती है। वहां से अफीम स्मगलिंग होकर भारत में अवैध तरीके से लायी जाती है। यहां यह अफीम युवा पीढ़ी को बरबाद कर रही है।पिछले कुछ वर्षों में सुरक्षा एजेंसियों की सख्ती के कारण जब अंतर्राष्ट्रीय सीमा से भारत में नशे के सामान की स्मगलिंग नहीं हो पा रही है।
ऐसे में ड्रग्स माफियाओं ने दूर दराज के पहाड़ी क्षेत्रों में लोगों को लालच देकर अफ़ीम की खेती शुरू कर दी। जनपद टिहरी गढ़वाल के थत्यूड़ (धनोल्टी) के थानाध्यक्षसंजीत कुमार को जब इसका पता चला तो उन्होंने माफियाओ की पेशकश ठुकराकर दूरस्थ क्षेत्रों में अफीम की खेती को न सिर्फ नष्ट किया बल्कि ऐसे लोगों पर कानूनी कार्यवाही भी की।
उत्तराखंड पुलिस द्वारा संजीत कुमार को 15 अगस्त को सराहनीय सेवा सम्मान पदक देने की घोषणा की है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि संजीत कुमार जैसे इमानदार पुलिस कर्मी रहेंगे तो फिर माफिया कभी अपने मकसद में कामयाब नहीं हो सकते।