निजी स्कूल अभिभावकों से वसूल सकेंगे फीस, सरकार के आदेश





नवीन चौहान
निजी स्कूल अभिभावकों से फीस वसूली कर सकेंगे। लेकिन फीस वसूलने के लिए वह अभिभावकों से जोर जबरदस्ती नहीं करेंगे। अभिभावकों की समस्याओं का ध्यान में रखते हुए स्कूल प्रबंधन ​किस्तों की सुविधा प्रदान करेंगे। जिससे अभिभावकों पर भी आर्थिक बोझ का संकट उत्पन्न ना हो।
कोरोना संक्रमण काल के बाद से निजी स्कूलों की आर्थिक स्थिति चरमरा गई थी। स्कूल में शिक्षण कार्य बंद होने के बाद से अभिभावकों ने स्कूल प्रबंधन की ओर से मुंह फेर लिया था। स्कूल प्रबंधन की तमाम गुजारिशों के बावजूद अभिभावक फीस जमा कराने को राजी नहीं थे। जिसके बाद राज्य सरकार ने स्कूल प्रबंधन को फीस वसूलने के लिए दबाब ना देने के निर्देश दिए। इसी प्रकरण पर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई। हाईकोर्ट ने भी निजी स्कूल प्रबंधन और अभिभावक दोनों पक्षों को ही सहूलियत प्रदान करते हुए सरकार को निर्देशित किया। इसी संबंध में उत्तराखंड शासन की ओर से आदेश जारी किया गया है। शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम की ओर से जारी आदेश में बताया गया कि 10वीं और 12वीं कक्षाओं के भौतिक संचालन की अनुमति शासन स्तर से दी जा चुकी है। ऐसे में इन कक्षाओं के बच्चों के भौतिक स्कूल संचालन अवधि से पूर्ण फीस तथा लॉक डाउन अवधि अवधि से मात्र शिक्षण शुल्क लिया जायेगा। स्कूल प्रबंधन अभिभावकों के अनुरोध पर सकारात्मक विचार करने के बाद फीस को किस्तों में लेने की सुविधा पर विचार कर सकता है। जबकि जिन कक्षाओं की आन लाइन कक्षाएं संचालित हो रही है। ऐसे बच्चों से सिर्फ शिक्षण शुल्क ही वसूल किया जा सकेगा। शिक्षण शुल्क लेने के लिए किस्तों की सुविधा प्रदान करने का अधिकार स्कूल प्रबंधन पर है। स्कूल प्रबंधन अभिभावकों की आर्थिक​ स्थिति को ध्यान में रखते हुए सकारात्मक कदम उठा सकते है।
कुल मिलाकर देखा जाए तो स्कूल प्रबंधन और ​अभिभावकों के बीच के रिश्ते की तल्खी को दूर करने का वक्त आ गया है। अभिभावक अपने बच्चों की फीस को जमा कराते हुए स्कूल प्रबंधन की व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने में आर्थिक सहयोग करें। तथा स्कूल प्रबंधन भी अभिभावकों की आ​र्थिक स्थिति को देखते हुए किस्तों की सुविधा को प्रदान करें। ताकि अभिभावक और स्कूल के बीच का रिश्ता पूर्व की भांति मधुर हो सके।



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