नवीन चौहान
भारत के पूर्व क्रिकेटर यशपाल शर्मा ने हरिद्वार में एक धुआंधार और शानदार पारी खेली थी। उन्होंने छक्का मारकर बॉल को स्टेडियम के बाहर गिरा दिया था। आयोजकों को बॉल ढूंढने में भी 15 मिनट लगे थे। जिसके बाद यशपाल शर्मा के सम्मान में सभी दर्शकों ने खड़े होकर तालियां बजाई थी।
एक बेहतरीन खिलाड़ी और शानदार व्यक्तित्व के धनी यशपाल शर्मा का हार्ट अटैक से निधन होने पर हरिद्वार के क्रिकेट खिलाड़ियों की आंखें नम है। हरिद्वार के क्रिकेट खिलाड़ी वीके नागपाल, पविंदर सिंह, बृज मोहन बर्थवाल ने यशपाल शर्मा के विरूद्ध मैच खेला था और आज उनके निधन पर अश्रुपूरित नेत्रों से श्रद्धांजलि दी है। सभी ने श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए मां गंगा से उनकी आत्मा की शांति के प्रार्थना की है।
भारत को साल 1983 में विश्व कप विजेता बनाने में अहम भूमिका निभाने वाले पूर्व क्रिकेटर यशपाल शर्मा का हरिद्वार से गहरा नाता रहा है। हरिद्वार से जुड़ी उनकी बल्लेबाजी और यादे पूर्व क्रिकेट खिलाड़ियों को साल 1990—91 की याद करा रही है। जब भेल स्टेडियम में स्टेट बैंक आफ इंडिया की ओर से क्रिकेट मैच का आयोजन किया गया था।
यशपाल शर्मा एसबीआई के वरिष्ठ अधिकारी होने के नाते एसबीआई दिल्ली सर्किल की टीम में बतौर कप्तान हरिद्वार पहुंचे थे। जबकि हरिद्वार एसबीआई रानीपुर की टीम के कप्तान वीके नागपाल थे। एसबीआई रानीपुर की टीम में डीपीएस के उप प्रधानाचार्य पविंदर सिंह, सजल बनर्जी, बृज मोहन बर्थवाल सरीखे नामचीन खिलाड़ी थे।
हरिद्वार में इन खिलाड़ियों की गिनती सर्वश्रेष्ठ क्रिकेटरों में की जाती थी। लेकिन स्टेडियम की भीड़ यशपाल शर्मा के लिए जुटी थी। यशपाल शर्मा बल्लेबाजी करने आए तो दर्शकों ने तालियां बजाकर उनका स्वागत किया। यशपाल शर्मा ने इस मैच में नाबाद रहकर 65 रनों की शानदार पारी खेली।
यशपाल शर्मा ने मैच के दौरान मैदान के चारों और बेहतरनीन शॉट लगाए। उनके बल्ले से निकला एक छक्का विरोधी टीम के खिलाड़ियों को आज भी वैसे से याद है। सजल बनर्जी बॉल डाल रहे थे और क्रीज पर उनके सामने यशपाल शर्मा खड़े थे। यशपाल शर्मा ने जब शॉट लगाया तो वह स्टेडियम के पार गया और बॉल गुम हो गई।
खिलाड़ियों के प्रति उनका व्यवहार बेहद ही नम्र रहता था। हंसमुख स्वभाव के यशपाल शर्मा मैदान के बीच साथी खिलाड़ियों को प्रेरित करते दिखाई देते रहते थे। एसबीआई रानीपुर के पूर्व कप्तान वीके नागपाल ने बताया कि यशपाल शर्मा का आकस्मिक निधन बेहद ही कष्टकारी है।
उन्होंने बताया कि इस अल्पआयु में संसार से विदाई अपूर्णीय क्षति है। एक खिलाड़ी का जीवन देश को समर्पित होता है। वह अपनी आखिरी सांस तक देश की युवा शक्ति में जोश और उत्साह का संचार करता है। वीके नागपाल ने बताया कि हरिद्वार में मैच खेलने के दौरान मित्रता हुई थी। देश ने एक बेहतरीन खिलाड़ी खो दिया।
बताते चले कि यशपाल शर्मा ने भारत को साल 1983 में पहली बार विश्व कप दिलाने में अपनी प्रतिभा का जौहर दिखलाया था। यशपाल शर्मा का भारतीय क्रिकेट में काफी योगदान रहा। वह टीम इंडिया के चयनकर्ता भी रहे। उन्होंने भारत के लिए 37 टेस्ट मैच खेले, 1606 रन बनाए।टेस्ट मैचों में य़शपाल का सर्वोच्च स्कोर 140 रन रहा।