हरिद्वार स्लो स्वीट प्वाइजन का शिकार, रोजाना दर्जनों मौत





नवीन चौहान
हरिद्वार स्लो प्वाइजन का शिकार हो चुका है। जिसके चलते प्रतिदिन दर्जनों लोगों की मौत हो रही है। हरिद्वार में तमाम प्रकार के मिलावटी तेल बिक रहे है। जबकि खाद्य सामग्रियों में जबरदस्त मिलावट हो रही है। सस्ता तेल और मिलावटी सामान सभी के घरों में पहुंच रहा है। रोजाना दर्जनों लोग हार्ट अटैक से मर रहे है। मिलावटी खाद्य सामान नशीले पदार्थो से भी ज्यादा खतरनाक साबित हो रहा है।
अमेरिकन कैंसर सेंटर और वर्ल्ड कैंसर रिसर्च फंड की स्टडी के अनुसार, मिलावटी खाने की सामग्री इंसान की आयु तो कम करती है। इसके अलावा आकस्मिक मृत्यु को भी आमंत्रित करती है। जहां एक और अधिक नमक का सेवन पेट के कैंसर के रिस्क को बढ़ाता है। नमक ही नहीं, बल्कि ऐसे और भी कई फूड हैं, जिन्हें धीमा जहर कहा जा सकता है। इन चीजों की अधिक मात्रा गंभीर बीमारियों की वजह बन सकती है। कई बार जाने अनजाने में हम ऐसी चीजें खा लेते हैं जिनका हेल्थ पर बुरा असर पड़ने लगता है। लेकिन अगर सावधानी बरती जाएं तो इस प्रॉब्लम को दूर किया जा सकता है। फिलहाल तो हम स्लो स्वीट प्वाइजन की बात करते है।
घर के बने खाने में आपको पता होता है कि किस प्रकार के तेल अथवा घी का प्रयोग किया गया है। ​जबकि रेस्टोरेंट में आपको खाने के सामान का रेट तो मालूम होता है। लेकिन वह सामान किस प्रकार बनाया गया है। कौन सा घी तेल इस्तेमाल किया गया है। ​ताजा है अथवा बासी है। इसकी कोई जानकारी ग्राहक को नही होती है। छोटे बच्चे फास्ट फूड खाने की जिदद करते है। उनके पैरेंटस भी बच्चों की इच्छाओं को पूरा करने के लिए पिज्जा, बर्गर, चावमीन, मोमो, रोल बगैर ले आते है। ये सभी ख़ाद्य सामान बच्चों की सेहत पर बुरा प्रभाव डालते है।
इन सबके बीच सबसे बड़ी बात यह है कि ​मिलावटी ख़ाद्य पदार्थो की रोकथाम के लिए ख़ाद्य सुरक्षा कानून बना हुआ है। जिसके लिए ख़ाद्य सुरक्षा विभाग की टीम को निगरानी करनी होती है। खाद्य सामान बेचने वालों को लाईसेंस लेना जरूरी होता है। लेकिन यह विभाग महज खाना पूर्ति करता है। वर्षभर में होली दीपावली और कुछ खास पर्व पर चेकिंग करता है और कुछ चालान करता है।
जबकि हकीकत में यह बेहद ही सख्त कानून है। मिलावटी सामान बेचने वाले दुकानदारों को जेल तक भेजने का प्रावधान है।
अब देखने वाली बात यह है कि जहां प्रशासन बेहद सुस्त है। वही जनता अपनी सुरक्षा को लेकर बिलकुल भी जागरूक नही है। गरीब जनता को भी अपने खाना बनाने वाले सस्ते तेल से ही मतलब है। ऐसे में चाहे वो मिलावटी ही क्यो ना हो।
अगर आप अपने जीवन से प्यार करते है तो खाद्य पदार्थो की खरीद करने से पहले उसकी गुणवत्ता का ध्यान जरूर दे। नही तो आप भी स्लो स्वीट प्वायजन का शिकार होंगे।



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