डॉ मीनू का हिन्दी भाषा के प्रसार में अमूल्य योगदान: श्रीमहंत रविन्द्र पुरी




नवीन चौहान.
हरिद्वार। एसएमजेएन पीजी कालेज के हिंदी साहित्य के क्षेत्र में विशिष्ट कार्य करने के लिए महाविद्यालय की पूर्व छात्रा डॉ मीनू पाराशर को हाल ही में ‘साहित्य गौरव पुरस्कार’ के लिए दुबई में पुरस्कृत किया गया है।

डॉ. मीनू पाराशर की इस उपलब्धि पर कालेज प्रबंधन समिति के अध्यक्ष महंत रविन्द्र पुरी ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने कालेज के साथ साथ हिन्दी भाषा को भी विदेश में प्रसारित करने में अमूल्य योगदान दिया है.

यहाँ यह उल्लेखनीय है कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम रोशन करने वाले प्रतिभावान भारतीय नागरिकों को ‘संस्कृति युवा संस्था’ द्वारा प्रति वर्ष ‘भारतीय गौरव पुरस्कार’ से सम्मानित किया जाता है। इसी क्रम में डॉ मीनू पाराशर द्वारा लम्बे समय से हिंदी साहित्य के प्रति किए जा रहे निरंतर प्रयासों के आधार पर उन्हें साहित्य गौरव पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।

यह उल्लेखनीय है कि विश्व के सभी देशों में से 28 सदस्यों को इसके लिए चयनित किया गया था. जिनमें से डॉ मीनू पाराशर का नाम भी सम्मिलित किया गया है l यह आयोजन दुबई के प्रसिद्ध ‘अटलांटिस होटल, द पाम’ में पूर्ण भव्यता के साथ सम्पन्न हुआ।

एसएमजेएन पीजी कालेज के प्राचार्य डा. सुनील कुमार बत्रा ने कहा कि कई वर्षों से डॉ मीनू विदेश में रहकर ऐसी अनेक संस्थाओं के साथ कार्य कर रही हैं जो न सिर्फ अहिंदी भाषियों को हिंदी भाषा से जोड़ती हैं अपितु उन्हें कुशल हिंदी वक्ता बनाने में भी सहयोग करती हैं। साथ ही उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक समुदाय के साथ मिलकर अँग्रेज़ी भाषा की सामग्री को हिंदी में अनुवादित करने में भी विशेष योगदान दिया है।

डॉ बत्रा ने बताया कि डॉ मीनू पाराशर ने डी पी एस, कतर की वरिष्ठ शिक्षिका के रूप में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। आज भी वे हिंदी भाषा के प्रचार प्रसार में पूरी तरह से संलग्न हैं और इसके लिए कतर में स्थित भारतीय दूतावास की ओर से भी उन्हें विशेष आयोजनों में सम्मिलित किया जाता है।

कालेज के प्राचार्य डॉ बत्रा ने यह बताया कि मीनू ने सन 1999 में हिंदी साहित्य से स्नातकोत्तर की उपाधि इसी महाविद्यालय से ग्रहण की थी। तत्पश्चात पूर्व प्राचार्य डॉ अशोक मिश्र के निर्देशन में उन्होंने अपना शोध कार्य भी इसी महाविद्यालय से सम्पन्न किया था।

डॉ अजय पाठक ने बताया कि डॉ मीनू पाराशर अपनी कुशाग्रता एवं सौम्य व्यक्तित्व के कारण प्रारम्भ से ही अपने गुरुओं की प्रिय छात्रा रही हैं। उनके गुरु डॉ अशोक मिश्र एवं डॉ प्रीति आदि उन्हें विशेष स्नेह देते रहे हैं। कालेज पत्रिका अभिव्यक्ति में उनके लेख व कविताएँ प्रति वर्ष छपते थे उन्होंने इस पत्रिका के संपादन में भी अपना सहयोग दिया है।



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