नवीन चौहान.
उत्तराखंड के जोशीमठ में भू-धंसाव की चपेट में शंकराचार्य माधव आश्रम मंदिर भी आ गया है। मंदिर के शिवलिंग में दरारें आ गई हैं। परिसर के भवनों, लक्ष्मी नारायण मंदिर के आसपास बड़ी-बड़ी दरारें पड़ गई हैं।
ज्योतिर्मठ के प्रभारी ब्रह्मचारी मुकुंदानंद के मुताबिक कि मठ के प्रवेश द्वार, लक्ष्मी नारायण मंदिर और सभागार में दरारें आई हैं। इसी परिसर में टोटकाचार्य गुफा, त्रिपुर सुंदरी राजराजेश्वरी मंदिर और ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य की गद्दी स्थल है।
जोशीमठ में लगातार बढ़ रही दरारों को देखकर विशेषज्ञों की टीम भी हैरान है। शहर के इस तरह धंसने और दर्जनों घरों और इमारतों की दीवारों, दरवाजों, फर्श, सड़कों पर आईं दरारों का कारण पता लगाने में टीम जुटी हुई है। अभी कारणों का पता नहीं चला है।
वहीं दूसरी ओर लोगों का यह भी कहना है कि भूधंसाव की समस्या कई साल पहले सामने आ गई थी लेकिन सरकार और अधिकारियों ने गंभीरता से इस विषय पर ध्यान नहीं दिया।