अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा ने किया क्षत्रिय गौरव सम्मान से सम्मानित




नवीन चौहान.
हरिद्वार। व्यक्ति की कार्य-कुशलता का परीक्षण समाज की कसौटी पर ही संभव होता है। समाज व्यक्ति के जीवन की सबसे बडी प्रयोगशाला है। समाज द्वारा मिले सम्मान की बदौलत ही व्यक्ति मे रचनात्मक परिवर्तन आते है तथा जिम्मेदारी का सही अर्थो में बोध होता है।

अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा द्वारा क्षत्रिय गौरव दिवस के अवसर पर उत्कृष्ट उपलब्धि सम्मान से सम्मानित प्रबुद्वजनों से संवाद कार्यक्रम के अवसर पर प्रदेश महामंत्री डॉ0 शिवकुमार चौहान ने कहा कि समाज की गति में बदलाव, नेतृत्व से ही संभव है। नेतृत्व द्वारा ही समाज की दिशा तथा दशा मे बदलाव लाया जा सकता है।

उत्कृष्ट उपलब्धि सम्मान प्राप्त करने वाले प्रबुद्वजनों से चाय पर चर्चा कार्यक्रम का आयोजन राजपूत धर्मशाला के सम्मेलन कक्ष में किया गया। जिसमे सम्मान प्राप्त करने वाले प्रबुद्वजनों से संवाद करते हुये समाज की वर्तमान स्थिति एवं समस्या-समाधान के उपायों को जानने का प्रयास किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता वैदिक विद्वान एवं वरिष्ठजन सम्मान प्राप्त स्वतंत्रता सेनानी प्रो0 भारत भूषण विद्यालंकार ने की।

इस अवसर पर सम्मान प्राप्त फिजियोथैरेपी एवं समाजसेवा से जुडी डॉ0 प्रीति कुमार ने कहॉ कि नर सेवा ही नारायण सेवा है। बीमार के दर्द को महसूस करके चिकित्सक जब उपकार के भाव से उपचार करने को तत्पर होता है तब स्वयं नारायण ही डॉक्टर की कुशलता एवं परिश्रम को साध्य बनाते है।

रेडक्रास के सचिव डॉ0 नरेश चौधरी ने कोरोना काल के अपने अनुभव साझा करते हुये कहॉ कि कोरोना ने जन-सामान्य की संवेदना पर कुठारा घात करके सामाजिक ढांचे को तोडने का काम किया है, परन्तु मानवीय मूल्य एवं आयुर्वेद पर विश्वास की बदौलत ही हम इस त्रासदी से उबरने मे कामयाब हो सके।

अध्यात्म एवं संगीत के क्षेत्र से जुडी करूणा चौहान ने कहॉ कि प्रभु की भक्ति जीवन के कष्ट सहने मे मरहम का काम करती है। प्रभु की शरण मे आने वाला व्यक्ति कष्टरूपी धूप मे भी चंदन की शीतलता का अनुभव करता है। कर्म को श्रेष्ट करके समाज की गति तथा रति दोनों में सुधार संभव है।

सामाजिक जागरूकता एवं पारिवार से जुडे मुददों को मजबूती से अनुभव करने वाले वीरेन्द्र कुमार बोरी ने कहॉ कि परिवार का विघटन सामाजिक एकरूपता को नुकसान पहुॅचाता है। यह जानकर भी परिवार को जोडने की दिशा मे कोई संस्था सक्रिय नहीं है। परिवार समाज की मूल इकाई है। जिसका संरक्षण प्राथमिकता से करने पर समाज की नीतियो तथा रितियों मे बदलाव संभव है।

इस अवसर पर अध्यक्ष यशपाल सिंह राणा, सत्यपाल पुंडीर, उपाध्यक्ष प्रेमसिह राणा, महेन्द्र सिंह नेगी, योगेन्द्रपाल सिंह राठौर, लोकेन्द्रपाल सिंह, बलबीर नेगी, तनुज शेखावत, मदनपाल सिंह, पार्षद नागेन्द्र राणा, धीरेन्द्र नेगी, समीर पुंडीर, स्वामी प्रेम विक्रम आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन अजय चौहान द्वारा किया गया।



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