Uttarakhand Police ने साल 2019 में खूब गालियां खाई और हजारों जिंदगी बचाई




नवीन चौहान
उत्तराखंड पुलिस ने साल 2019 में सड़कों पर जनता की खूब गालियां खाई। लेकिन पुलिस ने हजारों जिंदगी को बचाने में सफलता पाई। पुलिस ने शराब पीकर वाहन चलाने वालों पर खूब शिंकजा कसा। उनके वाहनों को सीज किया। जिसके चलते साल 2019 में सड़क दुर्घटनाओं का ग्राफ नीचे की ओर खिसक गया। जहां सड़क दुर्घटनाओं में कमी आई वही पुलिस की मुस्तैदी के चलते हजारों घर उजड़ने से बच गए। सैंकड़ों लोग अपाहिज होने से बच गए। लेकिन पुलिस ने अपनी मेहनत करने में कोई कमी नही छोड़ी। अगर गत तीन सालों की बात करें तो उत्तराखंड पुलिस को साल 2019 में सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने में काफी सफलता मिली। पुलिस महानिदेशक कानून एवं व्यवस्था अशोक कुमार के निर्देशों पर उत्तराखंड के सभी जनपदों की पुलिस ने सड़क दुर्घटनाओं को रोकने में अथक प्रयास किए। ओवरलोडिंग वाहनों के चालान किए गए। यातायात नियमों का उल्लघंन करने वालों पर सख्ती से निबटा गया। सड़कों पर वाहनों की जबरदस्त चेकिंग की गई। जिसका नतीजा ये रहा कि लगभग सभी जनपदों में पिछले सालों की तुलना में दुर्घटनों में कमी आई। घायलों की संख्या में कमी आई। दुर्घटना में मरने वाले लोगों की संख्या में कमी आई। हरिद्वार जनपद की बात करें तो साल 2019 में 265 जबकि 2018 309 और साल 2017 में 301 दुर्घटनाएं हुई। जिसमें साल 2019 मरने वालों की संख्या 159 साल 2018 179 साल 2017 में 175 जबकि साल 2019 में घायलों की संख्या 227, साल 2018 में 277 और साल 2017 में 233 रही। पूरे उत्तराखंड की बात करें तो साल 2019 में 1221 दुर्घटनाएं हुई। साल 2018 में 1314 और साल 2017 में 1451 दुर्घटनाएं हुई। जिसमें साल 2019 में पूरे उत्तराखंड में मरने वालों की संख्या 778, साल 2018 में 952 और साल 2017 में 856 थी। जबकि घायलों की संख्या साल 2019 में 1322, साल 2018 में 1452 और साल 2017 में 1504 थी। आप इसी से अंदाजा लगा सकते है कि उत्तराखंड के समस्त जनपदों की पुलिस ने सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए काफी मेहनत की है।



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