उत्तराखंड सरकार के यातायात कानून में जुर्माने की नई दर




नवीन चौहान
उत्तराखंड की त्रिवेंद्र सिंह रावत की सरकार ने भी यातायात कानून का उल्लघंन करने पर जुर्माने की राशि में संसोधन किया है। केबिनेट की बैठक में नई जुर्माना राशि पर मंत्रीमंडल ने मोहर लगा दी। जिसकी आधिकारिक जानकारी केबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने मीडिया को दी। केबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने बताया कि नए नियमों में बदलाव करते हुए बिना लाइसेंस वाहन चलाने पर छूट देते हुए इस राशि को 2500 कर दिया गया है। जबकि केंद्र सरकार ने बिना लाइसेंस वाहन चलाने पर 500 रुपये पड़ने वाले जुर्माने को बढ़ाकर 5,000 कर दिया था। लेकिन राज्य सरकार ने इसे कम करते हुए जनहित में 2500 कर दिया है।

केबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने बताया कि लाइसेंस निरस्त करने के बाद भी वाहन चलाते हुए पाए जाने पर प्रदेश में 10,000 की जगह 5,000 रुपये का ही चालान काटा जाएगा। वहीं, मोबाइल पर बात करते हुए वाहन चलाने पर पहली बार 1000 रुपये और दूसरी बार 5,000 रुपये का चालान किया जाएगा।
नई चालान की संसोधित दरें
ध्वनि प्रदूषण या वायु प्रदूषण संबंधी मानकों का उल्लंघन करने पर केंद्र ने 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया था, जिसे राज्य सरकार ने प्रथम अपराध के लिए 2,500 रुपये और उसके बाद के लिए 5,000 रुपये कर दिया है। गाड़ी चलाते समय मोबाइल से बात करने पर नया शुल्क 5000 रुपये था,प्रथम अपराध के लिए 1,000 रुपये और उसके बाद के लिए 5,000 रुपये कर दिया है। – धारा 66(1) के उपबंधों का उल्लंघन कर बिना वैध परमिट के गाड़ी चलाने पर केंद्र ने 10,000 रुपये का जुर्माना रखा था, अब राज्य ने इसे घटाकर प्रथम अपराध के लिए 5,000 और उसके बाद के लिए 10,000 रुपये कर दिया है। भारी वाहनों में क्षमता से अधिक ले जाने पर केंद्र ने 20,000 रुपये का जुर्माना रखा था, जिसे राज्य ने हल्के वाहन के लिए 2,000 रुपये, मध्यम एवं भारी मोटर वाहनों के लिए 5,000 रुपये कर दिया है।
 गाड़ी में माल का गाड़ी से बाहर निकले होने पर केंद्र ने 20,000 का जुर्माना लगाया था, जिसे राज्य ने हल्के वाहनों के लिए 2,000 रुपये और भारी वाहनों के लिए 5,000 रुपये कर दिया है।
गाड़ी में बच्चों को सीट बेल्ट न लगाने पर केंद्र ने 1,000 रुपये का जुर्माना रखा है, जिसे राज्य ने 200 रुपये कर दिया है।
फायर ब्रिगेड की गाड़ी या ऐंबुलेंस को रास्ता न देने पर केंद्र ने 10,000 रुपये का जुर्माना रखा है, जिसे उत्तराखंड ने घटाकर 5,000 रुपये कर दिया है।
बिना इंश्योरेंस के गाड़ी चलाने पर केंद्र ने प्रथम अपराध के लिए 2,000 और उसके बाद के लिए 4,000 रखा था जिसे राज्य सरकार ने दो पहिया और तीन पहिया वाहनों के लिए पहले अपराध पर 1,000 और बाद में 2,000 रुपये कर दिया है। इसी प्रकार से चार पहिया वाहनों के लिए 2,000 और 4,000 रुपये कर दिया है।
महाराष्ट्र सरकार अपील- कम करें वाहन चालान में जुर्माने की राशि
नाबालिग को गाड़ी चलाने के लिए देने पर केंद्र ने 5,000 का जुर्माना रखा था, जिसे उत्तराखंड सरकार ने 2,500 कर दिया है।
लाइसेंस के लिए अपात्र घोषित किए गए व्यक्ति के गाड़ी चलाने का जुर्माना 10,000 से घटाकर 5,000 रुपये कर दिया गया है।
गाड़ी के डीलर द्वारा नियमों के खिलाफ जाकर गाड़ी बेचने पर 1 लाख का जुर्माना था, जिसे अब 50, 000 रुपये कर दिया गया है।
नियमों के खिलाफ गाड़ी से संबंधित किन्हीं सुरक्षा उपकरणों को बेचने पर 1 लाख का जुर्माना घटाकर 50,000 कर दिया गया है। आपको बता दें कि उत्तराखंड सरकार ने केंद्र के कई ट्रैफिक नियमों को बरकरार रखा है।



Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *