डीएम दीपक रावत की कस्टडी में टॉफी और चॉकलेट




नवीन चौहान
हरिद्वार जिलाधिकारी दीपक रावत के ऑफिस में सबसे कीमती चीज टॉफी और चॉकलेट है। जिलाधिकारी खुद अच्छी क्वालिटी की टॉफी बच्चों के लिए लेकर आते है। जी हां ये टॉफी हरिद्वार जिलाधिकारी दीपक रावत की सबसे कीमती चीज है। जो वह ऑफिस में पहुंचने वाले तमाम बच्चों को उपहार में देने के लिए संभालकर रखते है। इन टॉफियों को डीएम दीपक रावत खुद अपनी ही कस्टडी में रखते है। इससे आप खुद ही अंदाजा लगा सकते है कि हरिद्वार जिलाधिकारी दीपक रावत बच्चों से किस कदर प्रेम करते हैंं। डीएम ऑफिस में पहुंचने वाले तमाम बच्चों को इस स्वादिष्ट टॉफी का स्वाद चखने को जरूर मिलता है। अतिव्यस्ततम भीड़ में भी उनकी नजर छोटे बच्चों पर जरूर पहुंचती है। वह बच्चों को टॉफी और चाकलेट देना नही भूलते है।
हरिद्वार में ताबड़तोड़ छापेमारी कर एक आक्रामक जिलाधिकारी की छवि पेश कर चुके आईएएस दीपक रावत हमेशा आत्मविश्वास से लबरेज रहते है। जनता की समस्याओं को सुनना और उनका निस्तारण करना उनकी पहली प्राथमिकता रहती है। लेकिन इन सबके बीच डीएम दीपक रावत के बच्चों से प्रेम करने की आदत भी किसी से छिपी नही है। यही कारण है कि हरिद्वार के तमाम स्कूली बच्चे डीएम दीपक रावत के नाम को बखूवी जानते है और उनके चेहरे को पहचानते है। लेकिन डीएम दीपक रावत बच्चों से इतना अधिक प्यार करते है कि उनके लिए टॉफी और चाकलेट तक अपने ऑफिस में संभालकर रखते है। ये बात शायद किसी के गले नही उतरेंगी। हरिद्वार जैसे संवेदनशील जनपद का जिलाधिकारी और अतिव्यस्तम कार्यो के बीच अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करना और उससे भी बड़ी बात कि छोटे बच्चों के लिए टॉफी और चाकलेट अपने ऑफिस में संभालकर रखना ये काम सिर्फ दीपक रावत ही कर सकते है। डीएम दीपक रावत और बच्चों के बीच टॉफी प्रेम का खुलासा उस वक्त हुआ जब बुधवार को उत्तरांचल आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ से जुड़ी करीब तीन दर्जन महिलाएं अपनी समस्याओं को लेकर डीएम दीपक रावत से मिलने पहुंची। इस दौरान कुछ महिलाएं अपने बच्चों को साथ लेकर पहुंची थी। डीएम दीपक रावत ने महिलाओं की तमाम समस्याओं को संजीदगी से सुना और उनका निस्तारण किया। इसी बीच महिलाओं की भीड़ में छिपे छोटे बच्चों पर डीएम दीपक रावत की नजर गई। उन्होंने सभी बच्चों को अपने पास बुलाया और अपनी टेबिल की अलमारी से एक टॉफी का डिब्बा निकालकर बच्चों को टॉफी देनी शुरू की। डीएम दीपक रावत के हाथों से टॉफी मिलने पर बच्चे बेहद खुश नजर आए। इस दौरान वहां उपस्थित एक पत्रकार ने डीएम दीपक रावत के टॉफी देने के इन खूबसूरत लम्हों को कैमरे में कैद कर लिया। बताते चले कि डीएम दीपक रावत ने मीजल्स रूबैला की रैली के दौरान स्कूली बच्चों को नाश्ता नही देने के चलते ऋषिकुल आयुर्वेदिक कॉलेज के एक चिकित्सक नरेश चौधरी पर नाराजगी व्यक्त करते हुए उनके अधिकारों पर रोक लगा दी थी। नरेश चौधरी के ये अधिकार आज तक सीज है। जिसके बाद से नरेश चौधरी डीएम दीपक रावत के किसी कार्यक्रम में दिखाई नही दिए। डीएम दीपक रावत के बच्चों से प्रेम करने की बात और उनका अंदाज उनकी काबलियत को जाहिर करता है। एक प्रशासनिक अफसर के तौर पर जनता के बीच लोकप्रिय होना कुशल जिलाधिकारी की प्रशासनिक क्षमता को दर्शाता है।



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