नवीन चौहान
डीएवी प्रबंधकृत समिति नई दिल्ली के प्रधान पदमश्री डॉ पूनम सूरी ने वैदिक मोहन आश्रम में संचालित वीएमडीएवी स्कूल के नवनिर्मित भवन के उद्घाटन अवसर पर अपने दिल की एक ख्वाहिश को सबके सामने रखा। उन्होंने कहा कि वैदिक मोहन आश्रम में एक विशाल लाइब्रेरी जिसमें आर्य समाज से जुड़ी तमाम पुस्तकों को संग्रहित किया जाए। इसके अलावा आर्थिक रूप से कमजोर व्यक्तियों के लिए एक निशुल्क अस्पताल खोलने की बात कहीं
बताते चले कि वैदिक मोहन आश्रम की संपत्ति को लेकर पिछले काफी समय से विवाद चला आ रहा था। कुछ तथाकथित असामाजिक तत्वों ने संपत्ति को हड़पने की तैयारी कर ली थी। असामाजिक तत्वों ने कानूनी दांव पेंच चले। लेकिन डीएवी प्रबंधकृत समिति नई दिल्ली के प्रधान डॉ पूनम सूरी के नेतृत्व में एक टीम गठित की गई। इस टीम ने कानूनी दांव पेंचों का सामना करते हुए असामाजिक तत्वों को आश्रम से बाहर खदेड़ दिया। जिसके बाद वैदिक मोहन आश्रम की इस विशाल संपत्ति पर वीएमडीएवी स्कूल की स्थापना की गई। 29 जनवरी को इस नवनिर्मित भवन के उद्घाटन अवसर पर डीएवी प्रबंधकृत समिति नई दिल्ली के प्रधान पदमश्री डॉ पूनम सूरी ने भवन के निर्मित होने पर खुशी जाहिर करते हुए अपने दिल की इच्छाओं को सार्वजनिक किया। उन्होंने कहा कि वैदिक मोहन आश्रम आर्य समाज का एक ऐसा केंद्र बने जहां पर आने की इच्छा प्रत्येक आर्य समाजी करें। उन्होंने कहा कि वैदिक मोहन आश्रम में वेद प्रचार का केंद्र खोला जाए। दो रिसर्च स्कोलर्स की नियुक्ति की जाये। इसके अतिरिक्त एक लाईब्रेरी की स्थापना की जाए। आर्य समाज की तमाम पुस्तके इस लाइब्रेरी में मिले। आर्य से जुड़ी सभी पुस्तके रखी जाए। तकनीकि युक्त पुस्तके रखी जाए। जिसमें डीएवी के संस्थापक महात्मा हंसराज जी के भाषणों को लाइव दिखाया जा सके। डॉ पूनम सूरी की इन बातों को सुनने के बाद उपस्थित लोग आत्म विभोर हो उठे।