इलैक्ट्रोपैथिक पद्धति जटिल रोगों को भी कर सकती है ठीक, जानिए पूरी खबर




अनुराग गिरि,

हरिद्वार। इलेक्ट्रोहोम्योपेथिक मेडिकल ऐसोसिएशन इंडिया के द्वारा होटल होली बेसिल हरिद्वार में एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गयी जिसका शुभारम्भ राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ केपीएस चौहान ने किया। चिकित्सकों को एडवांस मेडिसन इन इलेक्ट्रोहोम्योपैथी तथा एडवांस डीजीज एण्ड एडवांस डायग्नोसिस का प्रशिक्षण आइरिडोलोजिस्ट डॉ एस शर्मा द्वारा दिया गया। डॉ शर्मा ने प्रोजेक्टर के माध्यम से स्लाइड दिखाते हुए बताया कि मधुमेह, रसोली, टयूमर, पथरी, कैंसर, स्वाइन फ्लू, इनफलुऐंजा, एड्स, स्क्रफ टासफस, टीबी आदि संक्रामित बीमारियों पर इलेक्ट्रोहोम्योपैथी में शोध किया जा चुका है।

आइरिस डायग्नोसिस में ब्लडशुगर, ब्लड कोलेस्ट्रोल, ट्रेस एलीमेन्ट डेफिसेन्सी तथा किसी भी अंग के रोग ग्रस्त होने से पूर्व, वर्तमान एवं भविष्य तीनों की जानकारी प्राप्त होती है जो किसी अन्य जांच तकनीक से प्राप्त नहीं होती। इस अवसर पर डॉ केपीएस चौहान ने कहा कि इलेक्ट्रोपैथी स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद प्राकृतिक एवं सुरक्षित चिकित्सा है क्योकि इलेक्ट्रोम्योपैथिक दवाओं एवं नैदानिक तरीके का कोई साइडइफेक्ट मानव शरीर पर नहीं पड़ता है क्योंकि ये रोग ग्रस्त अंगों को न्यूट्रिशन भी प्रदान करती है। इलेक्ट्रोपैथिक पद्धति जटिल से जटिल रोगों को भी ठीक कर सकती है। हमें बीमारियों को जड़ से समाप्त करना चाहिये। मरीज के आत्मविश्वास को बढ़ाने में चिकित्सक की अहम भूमिका होनी चाहिये। कार्यशाला में डॉ एमटी अंसारी, डॉ भूरे खान, डॉ सुनील अग्रवाल, डॉ बिजेन्द्र सिंह, डॉ विक्रम सिंह, डॉ अंशुल कौशिक, डॉ गोपी किशन, डॉ अमरपाल अग्रवाल, डॉ संजय मेहता, डॉ संदीप पाल, डॉ अजय गुप्ता, डॉ प्रदीप शर्मा, डॉ पवन कुमार, डॉ नरेन्द्र कपिल, डॉ सुशील भटनागर, डॉ ओमकरण, डॉ रामकुमार चौहान, डॉ सुखेन्द्र सिंह, डॉ महेन्द्र सिंह, डॉ भीष्म कुमार, डॉ महेश कोरी, डॉ आदर्श शर्मा, डॉ ज्ञानेश्वर शर्मा, डॉ अक्षित विश्वास, डॉ सुजीत राय, डॉ विवस अधिकारी, डॉ अब्दुल गफ्फूर, डॉ निशा शर्मा, नीलम आदि उपस्थित रहे।



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