नवीन चौहान
भाजपा के जिलाध्यक्ष जयपाल सिंह चौहान ने जिला कार्यकारिणी के पदों पर पदाधिकारियों की घोषणा कर दी। नई कार्यकारिणी में पुराने चेहरों को ही मौका दिया गया। लेकिन सबसे अहम बात ये रही कि इस टीम में केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक के खेमे से जुड़े लोगों को तब्बजो दी गई। जबकि उत्तराखंड सरकार में केबिनेट मंत्री और हरिद्वार से चौथी बार के विधायक मदन कौशिक के खेमे को करारा झटका लगा है। जबकि जमीनी स्तर पर भाजपा के मजबूती से कार्य करने वाले और क्षेत्रों में भाजपा का झंडा बुलंद करने वाले जमीनी कार्यकर्ताओं को जिले की भाजपा कार्यकारिणी के महत्वपूर्ण पदों से दूर रखा गया है। ऐसे में जमीनी कार्यकर्ताओं का मनोबल टूटा है। जबकि नई कार्यकारिणी में कुछ चेहरे ऐसे है जो तीसरी बार पदाधिकारी बनाए गए है।
बताते चले कि भाजपा के नव निर्वाचित जिलाध्यक्ष जयपाल सिंह चौहान दूसरी बार हरिद्वार जिलाध्यक्ष की कमान संभाल रहे है। जयपाल सिंह चौहान ने पद संभालने के बाद अपनी जिले की टीम बनाई है। इस टीम में कुछ पुराने कार्यकर्ताओं को पदाधिकारी बनाकर उनका उपयोग करने की जरूरत थी। ताकि संगठन को मजबूत किया जाए और पार्टी के भीतर एक संदेश भी जाए। भाजपा कार्यकर्ताओं का सम्मान करती है। लेकिन इस नई कार्यकारिणी में वही पुराने चेहरे और खेमेबाजी देखने को मिली।
बात करें नई कार्यकारिणी की तो जिला उपाध्यक्ष अनिल अरोड़ा को तीसरी बार उपाध्यक्ष बनाया गया है। जबकि संदीप गोयल को दूसरी बार उपाध्यक्ष। जितेंद्र चौधरी पहले जिला महामंत्री थे जिनको अब जिला उपाध्यक्ष बनाया है। अमन त्यागी जिला महामंत्री थे जो अब जिलाउपाध्यक्ष बनाए गए है। अंकित आर्य की बात करे तो इनके पिता विनोद आर्य राज्यमंत्री है। जिनके बेटा होने का सम्मान के तौर पर जिलाउपाध्यक्ष पद पर नवाजा गया है। अनामिका शर्मा को दूसरी बार जिला मंत्री बनाया गया है। विकास तिवारी दूसरी बार जिला महामंत्री बने है। विकास तिवारी मदन कौशिक के सबसे विश्वसनीय माने जाते है। मदन कौशिक के खेमे से विकास तिवारी को लिया गया है। जबकि बाकी पूरी टीम डॉ निशंक की है। जबकि जो कार्यकर्ता महज भाजपा संगठन पर भरोसा रखते है, उनको पदो से दूर रखा गया है। तो कुल मिलाकर कहा जाए हरिद्वार भाजपा कार्यकारिणी डॉ निशंक की टीम है। भाजपा का ये हाल तो तब है जबकि दिल्ली चुनाव में आप ने उनको आईना दिखाया है। दिल्ली में भाजपा को करारी शिकस्त मिली है। आम आदमी पार्टी ने प्रचंड बहुमत से सत्ता दोबारा हासिल की है। जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री रामनाथ सिंह के चेहरे भी दिल्ली चुनाव में कोई प्रभाव नही दिखा पाए। इस चुनाव में भाजपा को एक बड़ा सबक मिला है। जमीनी स्तर पर गरीबों के हितों के लिए कार्य करने का दावा करने वाली भाजपा को एक सामान्य पार्टी आप ने उसकी हकीकत से परिचित कराया है। ऐसे में समझने की जरूरत सबसे ज्यादा भाजपा को है। कार्यकर्ताओं का सम्मान करना और जनता के हितों के लिए कार्य करना राजनैतिक पार्टी का दायित्व है। लेकिन भाजपा संगठन अब अपन सिद्धांतों से दूर हो चला है। जहां परिवारवार भी देखने को मिलने लगा है। एक व्यक्ति और दो पद भी मिलने लगे।