नवीन चौहान
सुषमा स्वराज एक सच्ची राष्ट्रभक्त थी। विपरीत परिस्थितियों में भी पूरी हिम्मत से विपक्षियों से मुकाबला करने का दम रखती थी। भारत के जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटने से वे बेहद खुश थी। अपने आखिरी ट्वीट में भी सुषमा स्वराज ने प्रधानमंत्री जी का हार्दिक अभिनंदन किया और लिखा कि मैं अपने जीवन में इस दिन को देखने की प्रतीक्षा कर रही थी। उनके इन शब्दों में देशभक्ति की झलक साफ दिखलाई पड़ती है। इसके साथ ही जम्मू कश्मीर से उनके प्रेम का अंदाजा लगा जा सकता है। वह भारत ने सच्चा देशभक्त और कुशल राजनेता खो दिया। पूरा देश शोकाकुल है।
अटल बिहारी सरकार में विदेश मंत्री रही और दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री सुषमा स्वराज का मंगलवार देर रात दिल्ली के एम्स अस्पताल में निधन हो गया। सीने में दर्ज की शिकायत के बाद 67 वर्षीय सुषमा को रात 9:35 बजे एम्स में भर्ती कराया गया था। वहां हृदय गति रुकने से उनका निधन हो गया। उनके निधन की खबर जैसे ही अस्पताल परिसर से बाहर आई अस्पताल में वीवीआईपी का तांता लग गया। गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री हर्षबर्धन,सांसद मनोज तिवारी, शाहनवाज हुसैन सहित कई केंद्रीय मंत्री और नेता देर रात एम्स अस्पताल पहुंचे। उनके निधन के बाद पूरे देश में शोक का वातावरण छा गया। भारत की राजनीति में एक बुलंद आवाज सदा के खामोश हो गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनके निधन पर शोक व्यक्त किया। इसके सबसे अलग महिला राजनेता का राजनीति के शिखर पर पहुंचना अपने आप में एक मिशाल है। हरियाणा के अंबाला छावनी से लेकर दिल्ली की सियासत में सुषमा स्वराज एक बड़ा गौरव बनी। महज 25 साल की आयु में हरियाणा सरकार में कैबिनेट मंत्री सुषमा स्वराज देशभक्ति से ओतप्रोत रही। राजनीति के क्षेत्र में शिखर पर पहुंचने के बाद भी सहज सरल सुषमा स्वराज आज सभी की प्रेरणास्रोत्र बन गई है।