पुलिस को गुमराह करता रहा प्रॉपर्टी डीलर, मासूम के शव को बताया डमी




जोगेंद्र मावी
हरिद्वार में मासूम के साथ की गई घिनौनी करतूत पर प्रॉपटी डीलर मामा परदा डालने का प्रयास करते रहे। बच्ची के परिजनों और पुलिस को गुमराह करते रहे। आरोपीगण खुद बच्ची के परिजनों के साथ उसको ढूंढवाने में लग गए, ताकि लोगों पर उन पर कोई शक न हो। जब पुलिस सच की तह तक पहुंच चुकी थी तो बरामद शव को भी डमी बताने का प्रयास मामा ने किया। कहीं ऐसा तो नहीं मासूम के शव को ठिकाने लगाने की भी जुगत में थे।

आरोपियों का राजनैतिक रसूख भी सामने आ रहा है।
पतंग देने के बहाने मासूम की हत्या कर शव को ठिकाने लगाने वाले आरोपी मामा भांजों ने पूरी सफाई के साथ जानकारी न होने से इंकार कर दिया। दोनों आरोपी परिजनों एवं आसपास के लोगों के साथ मासूम की तलाश कराने लगे। लेकिन जब मासूम कहीं नहीं मिली तो फिर से पुलिस ने शक के आधार पर आरोपियों के घर को बारिकी से खंगालना शुरू कर दिया।

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नगर कोतवाली प्रभारी अमरजीत सिंह ने बंद पड़े कमरे का ताला खुलवाया और शक के आधार पर आलमारी को खोला, तो मासूम का शव उसमें मिल गया। पुलिस ने जब प्रॉपर्टी डीलर राजीव से पूछा तो वह मामले में अनभिज्ञता जताता रहा। लेकिन पुलिस ने आरोपी युवक को हिरासत में ले लिया। सबसे बड़ी बात यह रही कि दोनों आरोपी मासूम को ढूंढवाने में लगे रहे। लेकिन सबसे बड़ी बात यह भी निकलकर सामने आई कि यदि इन दोनों का मौका लग जाता तो मासूम के शव को ठिकाने लगा देते, लेकिन जल्द की लोगों की भीड़ जुट जाने को मासूस की तलाश बड़ी तेजी से कर दिए जाने पर उन्हें मौका नहीं मिला।

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हालांकि जल्द ही मासूम का शव पुलिस ने बरामद कर लिया, लेकिन जैसी ही लोगों की भीड़ कम हो जाती या छंट जाती तो वे मासूम के शव को ठिकाने लगा देते। क्योंकि मासूम के शव उनके घर में बरामद होने पर ही उनकी कारनामे की सच्चाई सामने आई। मासूम का शव उनके घर में बरामद होने पर लोगों की जुबान पर यह सवाल सबसे ज्यादा रहा कि यदि इन मामा भांजे को मौका मिल जाता या मासूम को ढूंढने में देरी हो जाती तो ये शव को गंगनहर में या जंगल में ठिकाने लगा देते। लेकिन उनकी करनी भरनी जनता के सामने आ गई।

राजनैतिक रसूख है प्रॉपर्टी डीलर का
आरोपी प्रॉपर्टी डीलर का राजनैतिक रसूख भी सामने आ रहा है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि हरिद्वार की भाजपा इस प्रकरण से दूर नजर आई है। राजनैतिक रसूख को लेकर भी तमाम तरह की चर्चाओं का जोर सामने आया।



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