नवीन चौहान
भारत की बेटियों के लिए कवियत्री गौरी मिश्रा एक प्रेरणास्रोत्र है। कवियत्री गौरी मिश्रा ने खुद अकेले दम पर काव्य जगत में एक बड़ा मुकाम हासिल किया है। इस मुकाम तक पहुंचने तक गौरी मिश्रा ने कई बड़ी मुसीबतों का सामना किया। गौरी मिश्रा के प्रतिद्धंदियों ने उनके निजी जीवन को लेकर कई बार गलत ढंग सोशल मीडिया पर प्रचारित करने का प्रयास किया। लेकिन मां दुर्गा में आस्था रखने वाली गौरी बिना किसी भय के आगे बढ़ती गई और काव्य पाठ करती रही। गौरी की मेहनत का नतीजा से रहा कि अंतर्राष्ट्रीय फलक पर वह बड़ा नाम बन गई। उनकी ख्याति देश विदेश में फैली है। भारत के विभिन्न राज्यों के तमाम बड़े कवियों के साथ गौरी मिश्रा मंच सांझा कर रही है। देश में छोटे—बड़े शहरों में आयोजित होने कवि सम्मेलनों में गौरी मिश्रा अपने श्रोताओं के बीच पहुंचती है और अपनी कविताओं से उनको आत्मविभोर करती है।
अंहकार से कोसो दूर गौरी मिश्रा अपने प्रशंसकों के दिलों पर राज करती है। गौरी मिश्रा की सबसे खास बात यह है कि वह देश के ज्वलंत मुद्दो को अपनी लेखनी के माध्यम से कविताओं के रूप में प्रस्तुत करती है। जहां वह देश के युवाओं को मेहनतकश इंसान बनने के प्रेरित करती है। देश की बेटियों को आत्म निर्भर बनने के लिए प्रेरित करती है। हालांकि कवियत्री गौरी मिश्रा बेटियों के लिए खुद से प्रेरणास्रोत्र है।
गुरूवार को अपने निजी दौरे पर हरिद्वार पहुंची कवियत्री गौरी मिश्रा ने न्यूज127 डॉट कॉम से खास बातचीत की। सादगी और सरलता की प्रतिमूर्ति गौरी मिश्रा ने अपने जीवन के कठिन संघषों के दिनों की यादों को ताजा किया। उन्होंने बताया कि जिंदगी के सफर में उन्होंने तमाम कठिनाईयों का सामना किया। काव्य जगत में अपनी जगह बनाने के लिए दिन रात कड़ी मेहनत की। हालांकि इस दौरान कुछ कडवे तो कुछ खटटे— मीठे अनुभव रहे। लेकिन ना ही उन्होंने कभी रास्ता बदला और ना ही लक्ष्य की ओर से ध्यान हटाया। गौरी ने बताया कि भारत की बेटियों को लक्ष्य निर्धारित कर मेहनत करनी चाहिए। सफलता आपके कदमों पर होगी।
बताते चले कि गौरी मिश्रा ने भारत के ख्याति प्राप्त दिग्गज कवियों के साथ काव्य पाठ किया है। जिनमें प्रमुख रूप से है सुरेश शर्मा, सुनील जोगी( पदम श्री)डॉ. हरिओम पँवार राहत इंदौरी डॉ. कुमार विश्वास शैलेश लोढ़ा सुनील पाल अहसान कुरैशी आदि प्रमुख हैं। वही गौरी मिश्रा की कविताएँ देशभक्ति से ओतप्रोत रहती है। आध्यात्मिक रचनाएँ होती है। श्रृंगार के गीतों से अपनी भाषा शैली व शब्द चयन व शानदार प्रस्तुति से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर देती है। श्रृंगार पढ़ने के साथ ही गौरी मिश्रा वीर रस में जब देशभक्ति की कविता प्रस्तुत करती है तो रोंगटे खड़े हो जाते हैं। अकेले अपने दम पर मुकाम हासिल करने वाली भारत की बेटी गौरी मिश्रा युवा पीढ़ी के लिए एक प्रेरणास्रोत्र है।