उत्तराखंड का सबसे दर्दनाक हादसा, दो गजराजों की मौत




—नई दिल्ली—देहरादून नंदा देवी एक्सप्रेस ने दो नर हाथियों को उड़ाया
—एक्कड़—जमालपुर के बीच में सीतापुर फाटक के करीब सुबह साढ़े चार बजे हुआ हादसा
—100 की रफ्तार से दौड़ रही रेलगाड़ी की टक्कर में एक हाथी का दांत उड़ा, दूसरे की सूंड कटी
नवीन चौहान
ई दिल्ली से देहरादून आ रही नंदा देवी सुपरफास्ट की जोरदार टक्कर ने दो टस्कर हाथियों की जान ले ली। टक्कर इतनी जोरदार थी कि दोनों हाथी करीब 40 मीटर पटरी पर घसीटते चले गये। टक्कर का अंदाजा इसी बात भी लगाया जा सकता है कि एक टस्कर का दांत हवा में उड़ गया जबकि दूसरे की सूंड आधी कट गई। हालांकि हरिद्वार वन प्रभाग के हरिद्वार रेंज की टीम ने टूटे दांत को खोज लिया है। वन विभाग और रेलवे में हड़कंप मचा हुआ है। जिस वक्त हादसा हुआ उस वक्त नंदा देवी एक्सप्रेस 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफृतार से दौड़ रही थी। गनीमत यह भी रही कि रेल दुर्घटनाग्रस्त नहीं हुई वरना हादसे से कुछ ही मीटर पर गंगनहर है। यदि रेलगाड़ी डिरेल होती तो निश्चित तौर पर रेलगाड़ी गंगनहर में समा जाती। मौके पर वन विभाग के अधिकारी, रेलवे के अधिकारी मौजूद हैं। हाथियों के पोस्टमार्टम के लिये चिकित्सकों का इंतजार है। मामले की रेलवे और वन विभाग जांच करेंगे। हादसे की वजह से लक्सर—हरिद्वार रेल लाइन पर करीबब डेढ़ घंटे संचालन ठप रहा। जिससे करीब आधा दर्जन रेलगाड़ियों के संचालन पर असर पड़ा।
हरिद्वार वन प्रभाग के हरिद्वार रेंज अंतर्गत एक्कड से ज्वालापुर के बीच जमालपुर स्थित रेलवे पुल नंबर 14, सीतापुर फाटक के करीब साढ़े चार बजे हाथियों का झुंड गुजर रहा था। उसी दौरान दो टस्कर जिनकी उम्र दस से पन्द्रह साल बताई जा रही थी वह रेलवे ट्रेक को पार कर रहे थे नंदा देवी सुपरफास्ट की चपेट में आ गये। टक्कर इतनी जोरदार थी कि वे दूर तक घसीटते चले गये। घटना स्थल पर ही तड़फ—तड़फ कर दोनों हाथियों ने दम तोड़ दिया। घटना के बाद वन महकमे और रेलवे में हड़कंप मच गया। हरिद्वार वन प्रभाग के डीएफओ आकाश वर्मा, रेंजर दिनेश नौडियाल, वन दरोगा ओपी सिंह, रेल के यातायात अधिकारी अजीत सिंह सहित अन्य अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे।

राज्य गठन के बाद 30 से अधिक हाथियों की हो चुकी है मौत
बढ़ती आबादी व सिमटते जंगल व तेज रफ्तार रेलगाड़ियों सहित अन्य कारणों से हाथियों की मौत हुई है। राज्य गठन के बाद से अब तक तीस के करीब जंगली हाथी ट्रेनों की चपेट में आ कर दम तोड़ चुके है।

हाथियों का पोस्टमार्टम करा लिया जाय। फिर आगे क्या करना है, यह देखा जायेगा। भविष्य में ऐसी घटना नहीं हो इस पर गंभीरता से विचार और प्लानिंग होगी। नई चुनौती सामने आई है। उसे देखा जायेगा।
आकाश वर्मा, डीएफओ, हरिद्वार
वन्य जीवों को लेकर खतरे की घटनास्थल पर कोई बात कभी यहां नहीं आई। लिहाजा निर्धारित स्पीड से ही रेलगाड़ी दौड़ रही थी। जैसे हरिद्वार से कांसरो राजाजी के बीच से गुजरने वाली रेलगाड़ियों की स्पीड 35 किलोमीटर की है, वैसे यहां पर नहीं है। डेढ़ घंटे यातायात प्रभावित हुआ है। लक्सर से इंजन मंगाकर नंदा देवी एक्सप्रेस को ज्वालापुर साढ़े छह बजे लाया गया। सुबह पांच से साढ़े छह तक यातायात प्रभावित हुआ। फिर यातायात सामान्य कर दिया गया।
अजीत सिंह, रेल यातायात निरीक्षक, हरिद्वार सेक्शन



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