सोनी चौहान
सिखों के दसवें गुरु गोविंद सिंह जी का स्मृति दिवस श्री निर्मल पंचायती अखाड़ा कनखल में मनाया गया। गुरु गोविंद सिंह जी को श्रद्धा सुमन एवं भावांजलि प्रकट की गई। इस अवसर बड़ी संख्या में पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों से बड़ी तादाद में साधु-संतों और श्रद्धालुओं ने भाग लिया। गुरु ग्रंथ साहिब का अखंड पाठ और महा आरती की गई।
निर्मल पीठाधीश्वर महंत ज्ञानदेव सिंह महाराज वेदांतचार्य ने कहा कि गुरु गोविंद सिंह जी ने हिंदू धर्म की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व निछावर कर दिया। उन्होंने राष्ट्रधर्म की रक्षा के लिए बलिदान किया ।राष्ट्र उनका हमेशा ऋणी रहेगा।उन्होंने कहा कि श्री गुरु गोविंद सिंह दूरदृष्टा थे। उनके विचार हर युग में प्रासंगिक रहेंगे।
कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि गुरु गोविंद सिंह जी ने राष्ट्र रक्षा के लिए अपना और अपने परिवार का बलिदान किया। वे शौर्य, वीरता, साहस, तप ,त्याग और बलिदान के महान प्रतीक थे । उन्होंने सनातन धर्म की रक्षा के लिए निर्मल संप्रदाय की स्थापना की और निर्मल संतो को भारतीय वैदिक संस्कृति तथा संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए पूरे देश में प्रचार प्रसार के लिए भेजा।मदन कौशिक ने कहा कि महंत ज्ञान देव सिंह महाराज वेदांताचार्य के नेतृत्व में निर्मल अखाड़ा संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए महान कार्य कर रहा है। उन्होंने निर्मल अखाड़े को हिंदू सिख एकता का प्रतीक बताया।
जयराम आश्रम के प्रमुख ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी ने कहा कि सिखों के दसवें गुरु गोविंद सिंह जी ने हमेशा समाज को अपने विचारों से प्रकाशित किया । अखाड़ा के कोठारी महन्त जसविंदर सिंह ने कहा की वेदों की वाणी को गुरु गोविंद सिंह जी ने पूरे देश में प्रचार -प्रसार का जिम्मा निर्मल संतो को सौंपा। निर्मल अखाड़ा गुरूमुखी और संस्कृत भाषा को बढ़ावा देने का कार्य एक साथ कर रहा है।
अखाड़ा के सचिव महन्त देवेंद्र सिंह शास्त्री ने कहा कि गुरु गोविंद सिंह अवतरित महामानव थे। जिनके विचार हमेशा समाज को प्रकाशित करते रहेंगे। महन्त अमनदीप ने कहा जी गुरु गोविंद सिंह ने समाज में व्याप्त कुरीतियों को दूर किया।
महन्त कमलजीत सिंह ने कहा की गुरुओं से बड़ा स्थान किसी का नहीं है। महामंडलेश्वर हरिचेतनानंद ने गुरु गोविंद सिंह जी को वीरता और शौर्य का प्रतीक बताया। इस अवसर पर महन्त भगत राम दास, महन्त जगतार मुनि ,महन्त प्रेमदास ,महंत रवींद्र पुरी, महंत बलवंत सिंह ,महन्त जगजीत सिंह ,नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष सतपाल ब्रह्मचारी ,नगर निगम की मेयर अनीता शर्मा ,कांग्रेस नेता संजय पालीवाल, महन्त रंजय सिंह ,महन्त जुगराज सिंह , महन्त गुरुचरण सिंह पंडवा, महन्त मख्खण सिंह ,महन्त बाबू सिंह, महन्त ज्ञान सिंह ,महन्त गुरिंदर सिंह ,महन्त हरदेव सिंह, महन्त गुरु भगत सिंह , महन्त जसवीर सिंह, महन्त बुध सिंह ,महंत बलवीर सिंह, महन्त खेम सिंह ,महन्त मोहन सिंह समेत कई महन्त- संत -महामंडलेश्वर उपस्थित थे।