नवीन चौहान, हरिद्वार। उत्तराखंड के स्कूलों को अब छोटे बच्चों की पढ़ायी को लेकर खास ध्यान रखना होगा। उन्हें बच्चों को कब और क्या पढ़ाना है यह शासन की तय गाइड़ लाइन के अनुसार ही पढ़ाना होगा। यही नहीं छोटे बच्चों के स्कूल बैग का वजन कितना हो यह भी ध्यान रखना होगा।
सचिव शिक्षा आर मीनाक्षी सुंदरम ने प्रारम्भिक शिक्षा निदेशक को इस संबंध में पत्र जारी कर स्कूलों को दिशा निर्देश जारी करने के लिए कहा है। जारी किये गए पत्र के अनुसार कक्षा 1 से 2 तक बच्चों को गृह कार्य नहीं दिया जाएगा। कक्षा तीन के बच्चों को 2 घंटे प्रति सप्ताह का गृह कार्य दिया जाएगा। बच्चों को अतिरिक्त गृह कार्य नहीं दिया जाएगा। इसके अलावा कक्षा 1 से 2 में भाषा एवं गणित तथा कक्षा 3 से 5 तक भाषा, गणित एवं पर्यावरण विज्ञान के इतर कोई विषय नहीं पढ़ाया जाएगा। स्कूलों में सीबीएसई द्वारा लागू एनसीईआरटी की किताबें ही लागू की जाए।
बच्चों के स्कूल बैग का वजन क्या हो यह भी मानक के अनुसार तय करना होगा। इसके स्कूलों में एक दिन में केवल दो या तीन विषय ही पढ़ाए जाएंगे। बैग का वजन कक्षा 1 से 2 तक 1.5 किलोग्राम से अधिक नहीं होना चाहिए। कक्षा 3 से 5 तक के बच्चों केे बैग का वजन 2 से 3 किग्रा रखना होगा। कक्षा 6 से 8 तक के बच्चों के बैग का वजन 4 किग्रा होना चाहिए। कक्षा 8 से 9 के बच्चों के बैग का वजन 4.5 किग्रा और कक्षा 10 के बच्चों के बैग का वजन 5 किग्रा तक होना चाहिए। सचिव ने पत्र में यह भी कहा कि इन मानकों की देखरेख के लिए सचल दल का गठन किया जाए। यह सचल दल यह सुनिश्चित करे कि यदि तय गाइड़ लाइन से अलग कोई स्कूल पठन पाठन करा रहा है या बच्चों के बैग का वजन मानक से अधिक मिलता है तो संबंधित स्कूल का पंजीकरण निरस्त करने की कार्रवाई की जाए।