नवीन चौहान, हरिद्वार। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने इस बात का खुलासा कर दिया है कि कुख्यात बदमाश संजीव जीवा और सुशील मूंछ के नाम से प्रदेश में मांडवाली होती है। कांग्रेस पार्टी के भीतर ही कोई व्यक्ति ऐसा है जो भाईयों और पड़ोसियों में मुकदमे कराने के बाद मध्यस्थता करता है। वह गाली देकर बात करता है और पार्टी के उम्मीदवार को हराने के लिए किसी से भी मोलभाव करने का गुण रखता है। हरीश रावत की इस पोस्ट ने कांग्रेस के भीतर होने वाली गुटबाजी को सार्वजनिक कर दिया है। ऐसे में सवाल उठता है कि जब हरीश रावत खुद मुख्यमंत्री की कुर्सी पर काबिज थे कुख्यात बदमाशों से संबंध रखने वालों की जानकारी पुलिस को क्यों नहीं दी गई। ऐसे लोगों पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई।
बुधवार 6 फरवरी को पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अपने फेसबुक पेज पर एक पोस्ट डालकर सनसनी मचा दी। हरीश रावत ने बिना किसी का नाम लिए एक नेता पर कटाक्ष करते हुए बाहरी और भीतरी होने को परिभाषित किया। हरीश रावत ने पोस्ट में लिखा कि एक दिलचस्प बहस चल रही है, बाहरी कौन, भीतरी कौन। हरीश रावत ने अपने को बाहरी बताते हुए लिखा है कि बाहरी वो है जो आपकी बकरी, भैंस, बैल का इलाज करवाए। आपका और आपके परिवार का इलाज करवाए। बीज व पौंधे बांटे और गन्ने का भुगतान करें। तीन साल में 16 पुल बनवाए और चमाचम सड़के बनवाए। नदियों के बंधे बनवाए। अर्द्ध कुंभ में कुंभ से ज्यादा काम करवाए। डिग्री कॉलेज, पॉलिटेक्निक मेडिकल कॉलेज आदि स्वीकृत कराए । जबकि भीतरी व्यक्ति पर निशाना साधते हुए लिखा कि जो सुशील मूंछ और राठी को जानता हो। भाईयों और पड़ोसियों में मुकदमेबाजी करवाए, फिर मध्यस्थ बने। जो गाली देकर बात करें पार्टी के उम्मीदवार को हराने के लिए किसी से भी मोलभाव करने का गुण रखता हो। ये पोस्ट लिखने के बाद उन्होंने बड़े ही हास्यासपद भाव में लिखा कि परिभाषा ठीक है ना बाहरी और भीतरी की। इस पोस्ट ने एक बात को उजागर कर दी कि नेताओं के कुख्यात बदमाशों से संबंध होते है। नेता विवादों का समझौता कराने के लिए कुख्यात बदमाशों के नाम का सहारा लेते हैं। लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की फेसबुक पर इस तरह की पोस्ट ने ये बात भी जाहिर कर दी कि उनको मालूम है कि किस नेता के कुख्यात बदमाशों से संबंध है।