भाजपा के प्रदेश महामंत्री सुरेश भट्ट के बनने से कार्यकर्ताओं में आई नई ऊर्जा, जानिए उनके बारे में




नवीन चौहान
उत्तराखंड में भाजपा ने कद्दावर नेता सुरेश भट्ट को महामंत्री की अह्म जिम्मेदारी सौंपकर पार्टी को मजबूत करने का काम किया है। उनके महामंत्री बनने से भाजपा के नेताओं में खुशी है। महामंत्री बनने के बाद सुरेश भट्ट ने कहा कि जिम्मेदारी का निर्वहन करते हुए पार्टी को बढ़ाने का काम करेंगे। साथ ही 2022 में फिर से सत्ता में वापसी करेंगे।
भाजपा के प्रदेश अध्‍यक्ष बंशीधर भगत ने सुरेश भट्ट को उत्तराखंड का प्रदेश महामंत्री नियुक्त किया है। बंशीधर भगत ने कहा कि सुरेश भट्ट के प्रदेश महामंत्री बनने से उत्तराखंड में संगठन के कार्यों को गति मिलेगी व उनके अनुभव का लाभ प्रदेश भाजपा को प्राप्त होगा।
बताते चले कि उत्तराखंड भाजपा में प्रदेश महामंत्री के तीन पद हैं। इनमें से एक पद बंशीधर भगत के अध्यक्ष बनने के बाद से रिक्त था। अब महामंत्री पद पर सुरेश भट्ट की नियुक्ति की गई है। सुरेश भट्ट इससे पहले हरियाणा में भाजपा प्रदेश महामंत्री (संगठन)के पद पर नियुक्त थे। हरिद्वार के नेताओं ने उनकी नियुक्ति पर बधाई दी है। जिसमें भाजपा के जिलाध्यक्ष डॉ जयपाल सिंह चौहान, भाजयुमो के जिलाध्यक्ष सचिन गुर्जर, भाजयुमो के प्रदेश महामंत्री हरजीत सिंह, उपाध्यक्ष कन्हैया खेवड़िया, नितिन चौहान, विक्रम भुल्लर, सतविंद्र सिंह, सागर गोयल, उज्जवल पंडित आदि ने दी है।
सुरेश भट्ट का परिचय
— सुरेश भट्ट का जन्म 6 सितंबर 1968 को उत्तराखंड के नैनीताल जनपद के तहसील कालाढूंगी के ग्राम झलुवा झाला गांव में हुआ। उनके पिता का नाम स्वर्गीय प्रेम बल्लभ व माता पार्वती देवी है। झलुवा झाला गांव नैनीताल से 40 किलोमीटर व हल्द्वानी से 20 किलोमीटर की दूरी में है।
— उनके परिवार में तीन भाई वह दो बहने हैं। परिवार में सबसे बड़े बेटे हैं।
— उनकी प्राथमिक शिक्षा गांव के प्राइमरी पाठशाला में झलुवा झाला प्राथमिक विद्यालय में हुई। उनके चाचा प्रधानाध्यापक थे तो उनके साथ रहकर राजकीय इंटर कॉलेज लोहाघाट व राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पंतस्थली सुनोड़ा में कक्षा 6 से 8 तक की पढ़ाई पूर्ण की।
— इसके बाद उन्होंने एकीकृत छात्रवृत्ति की परीक्षा उत्तीर्ण कर कक्षा 9 से राजकीय इंटर कॉलेज अल्मोड़ा में छात्रावास में रहकर 10 वीं तक की पढ़ाई पूर्ण की।
— इनकी उच्चतर शिक्षा 1986 में बीए स्नातक तथा 1988 में एमए स्नातकोत्तर के साथ ही 1992 में विधि लॉ स्नातक की परीक्षा कुमायूं विश्वविद्यालय नैनीताल के अल्मोड़ा कैंपस से पूर्ण की।
— इनका अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से संपर्क से 1986 में संपर्क हुआ था।



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