‘नशा मुक्त हो देश हमारा’ के जयघोष के साथ शांतिकुंज से चार रथ रवाना




सोनी चौहान
देवोत्थान एकादशी पर्व के पावन दिन गायत्री तीर्थ शांतिकुंज से ‘नशा मुक्त हो देश हमारा’ के जयघोष के साथ चार रथ रवाना हुए। ‘व्यसन मुक्त भारत यात्रा’ के लिए जाने वाले इस रथ को अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रमुख डॉ. प्रणव पण्ड्या ने पूजन करने के बाद हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। ये चारों रथ गुजरात, राजस्थान, छत्तीसगढ़ व मध्यप्रदेश के गाँव-गाँव व शैक्षणिक संस्थानों में जायेगा। जहाँ संगोष्ठियों एवं लघु फिल्मों के माध्यम से विद्यार्थियों को दुर्व्यसनों से दूर रहने के विविध उपायों की जानकारी दी जायेगी। इसके साथ ही भारत को हरा-भरा रखने, स्वच्छ भारत, सुखी भारत, शिक्षित भारत, समर्थ भारत, युवा भारत, संस्कारी भारत जैसे योजनाओं पर आधारित कार्यक्रमों में विद्यार्थियों के अलावा जन-जन को भागीदारी करने के लिए प्रेरित व संकल्पित कराये जायेंगे।


डॉ प्रणव पण्ड्या ने कहा कि गायत्री परिवार राष्ट्र को समर्थ बनाने की दिशा में आध्यात्मिक अनुष्ठान के साथ विभिन्न रचनात्मक कार्यक्रमों में जुटा है। गायत्री परिवार ने देश-विदेश में गायत्री महायज्ञों के माध्यम से युवाओं को भारतीय संस्कृति से जोड़ने में लगे हैं। युवाओं-विद्यार्थियों को दुर्व्यसनों से मुक्त रखने की विभिन्न गतिविधियों को भी गति दी जा रही है।
राजस्थान, गुजरात, छत्तीसगढ़ एवं मध्यप्रदेश के लिए ‘व्यसन मुक्त भारत यात्रा’ के अंतर्गत चार रथ आज रवाना हो रहे हैं। संगोष्ठी एवं लघु फिल्मों के माध्यम से युवाओं को दुर्व्यसन से दूर रहने, हरित क्रांति में भागीदारी करने, संस्कारी युवा बनने एवं स्वस्थ रहने की दिशा में बढ़ने हेतु मार्गदर्शन दिया जायेगा। भारत को सुखी, सम्पन्न, शिक्षित बनाने के लिए स्वयं से पहल करने के लिए युवाओं को प्रेरित किया जायेगा।
डॉ प्रणव पण्ड्या ने कहा कि संपूर्ण समाज को इन दिनों सकारात्मक सोच की जरुरत है। भारतीय संस्कृति की जड़ों को आध्यात्मिक अनुष्ठान से सींचकर और अधिक मजबूत बनाना है। युवा प्रकोष्ठ के समन्वयक केदार प्रसाद दुबे ने बताया कि ये चारों रथ फरवरी 2020 तक स्कूलों, कॉलेजों एवं गाँवों, कस्बों, शहरों के प्रमुख-प्रमुख स्थानों पर संगोष्ठी आदि कार्यक्रम करेंगी।
इस अवसर पर शांतिकुंज व्यवस्थापक शिवप्रसाद मिश्र, डॉ ओपी शर्मा, डॉ. बृजमोहन गौड़, केसरी कपिल, रामसहाय शुक्ल, महेन्द्र शर्मा सहित शांतिकुंज के अंतेवासी कार्यकर्त्तागण एवं विभिन्न साधना सत्रों में देश के कोने-कोने से आये गायत्री साधक उपस्थित रहे।



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