सोनी चौहान
नैनीताल में स्टाफ हाउस के पास मिली लावारिश नवजात बालिका को अपनाने के लिए लोगों के हाथ उठे हैं। गर्भनाल सेे जुडी बालिका को असंवेदनशील लोगों द्वारा नैनीताल मेें पैदा होते ही फेेंक दिया था। जिन्दगी और मौत की जंग लड रही नवजात बच्ची को जिलाधिकारी सविन बंसल ने तुरन्त बीडी पाण्डे चिकित्सालय भेजी इसके उपरान्त बच्ची को चिकित्सकोें द्वारा उच्च इलाज के लिए सुशीला तिवारी अस्पताल इलाज के लिए भेजा गया। जिलाधिकारी की पहल पर एसटीएच के सभी चिकित्सक उसके इलाज मे पूरे मनोयोग के साथ इजाज में जुट गये है।
पिछले तीन दिनों मे बालिका के समुचित इलाज से उसका जीवन बचा लिया गया है, उसके स्वास्थ मे निरंतर बेहतर सुधार भी हो रहा है। जिलाधिकारी ने इस बच्ची का अपनाने के लिए अपील की थी। जिसका संवेदनशील समाज के ऊपर असर हुआ और दस से अधिक दम्पत्तियों ने जिलाधिकारी शिविर कार्यालय मे उनसे बच्ची को गोद लेने की स्वयं अथवा फोन द्वारा इच्छा व्यक्त की। कई दम्पत्तियों ने सुशीला तिवारी चिकित्सालय प्रबन्धन से भी बच्ची को गोद लेने की इच्छा व्यक्त की।
जिलाधिकारी बंसल ने इस प्रकार के दम्पत्तियों का जो कि बच्ची को अपनाने के लिए तैयार है का तहेदिल से स्वागत किया है। उन्होने कहा है कि ऐसे संवेदनशील दम्पत्तियों को पीसीपीएनडीटी के अन्तर्गत आयोजित होने वाले समारोह मे सम्मानित किया जायेगा। यदि कोई दम्पत्ति इस बच्ची को गोद लेता है। बच्ची के भरण पोषण, पालन-पोषण, शिक्षा आदि का खर्चा जिलाधिकारी स्वयं वहन करेंगे। उन्होने कहा दम्पत्ति का चयन नियमानुसार आनलाइन आवेदन प्रक्रिया के द्वारा किया जायेगा। इसके लिए आवेदकों को आनलाइन आवेदन के लिए जिला बाल संरक्षण अधिकारी व्योमा जैन से सम्पर्क कर जानकारियां लेनी होगी। बच्ची को गोद लेने के लिए सभी प्रक्रिया पारदर्शी होगी। उन्होने बताया कि एसटीएच के उपचार के बाद जब बच्ची पूर्ण स्वस्थ हो जायेगी तो उसे सीडब्लूसी के माध्यम से अल्मोडा शिशु गृह मे रखा जायेगा। जिलाधिकारी श्री बंसल के इस मानवीय कृत्य की समाज में सर्वत्र सराहना हो रही है।