मंजू के हौसलों ने भरी उड़ान तो लिटिल मैरी स्कूल को मिला मुकाम




नवीन चौहान
बच्चों में संस्कारों के बीज अंकुरित करने की पहल शिक्षा के मंदिर स्कूल में की जाती है। शिक्षक ही बच्चों को शिक्षा और संस्कारों का ज्ञान देते है। सामान्य बातचीत करने से लेकर आगंतुकों के सामने पेश होने का सलीका नौनिहालों को सिखाते हैं। यही कारण है कि अभिभावक अपने से भी ज्यादा भरोसा अपने बच्चे के शिक्षकों पर करते हैं। बच्चों में शिक्षा और संस्कारों के बीजारोपण करने का कार्य हरिद्वार के लिटिल मैरी स्कूल की निदेशक मंजू सिंह पूरी शिद्दत से कर रही हैं। मंजू सिंह पूरी लगन और परिश्रम से स्कूली बच्चों को श्रेष्ठ बनाने में जुटी है। मंजू सिंह के मार्गदर्शन में संचालित लिटिल मैरी स्कूल हरिद्वार के प्ले स्कूलों में अग्रणी श्रेणी में है।
मूल रूप से यूपी के मुरादाबाद से ताल्लुक रखने वाली मंजू सिंह की शादी हरिद्वार में एक संपन्न परिवार में हुई। हरिद्वार में ससुराल पहुंचने के बाद मंजू सिंह ने पारिवारिक जिम्मेदारियों का निर्वहन करते हुए किताबों से दोस्ती कर ली। किताबों से प्रेम करने की चाहत ने मंजू के हौसलों को उड़ान दी। पति के सहयोग से मंजू सिंह ने डबल एमए से लेकर बीएड और तमाम तकनीकि विद्याओं का ज्ञान अर्जित किया। लेकिन मंजू सिंह के मन में शिक्षा के क्षेत्र मे कुछ कर गुजरने की चाहत ने एक प्ले स्कूल खोलने का संकल्प करा दिया। मंजू ने कनखल के विष्णु गार्डन के अरिहंत विहार कॉलोनी में साल 2011 में लिटिल मैरी प्ले स्कूल की स्थापना की। मंजू सिंह ने अपनी काबलियत से जनता में विश्वास जगाया और बच्चों को स्कूल भेजने के लिए प्रेरित किया। मंजू की स्कूल के प्रति निष्ठा को देखते हुए आसपास की कॉलोनी के नौनिहालों का स्कूल में प्रवेश का दौर शुरू हुआ। एक घरेलू महिला से शिक्षिका बनी मंजू सिंह के लिए पहला एडमिशन खुशी देने के साथ ही उनके सपनों में पंख लगा देने वाला था। इसी के साथ स्कूल में बच्चों की संख्या बढ़ती चली गई। स्कूल को सेवा करने का ध्येय मानकर चलने वाली मंजू सिंह ने सामाजिक गतिविधियों से भी खुद को जोड़ा। बच्चों को सामाजिक, सांस्कृतिक और तमाम गतिविधियों के माध्यम से शिक्षित करने का कार्य किया। करीब आठ सालों के बाद वर्तमान में स्कूल कक्षा आठ तक संचालित है बच्चों की संख्या करीब 250 पहुंच गई है। स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे बेहद ही संस्कारिक है। हालांकि इस स्कूल को संचालित करने और मुकाम हासिल करने तक मंजू सिंह ने कई कठनाईयों और चुनौतियों का सामना किया। लेकिन आखिरकार मंजू सिंह के हौसले की जीत हुई और लिटिल मैरी स्कूल वर्तमान में बच्चों को शिक्षित करने का कार्य कर रहा है। जब #news127 ने लिटिल मैरी स्कूल को नजदीक से देखा तो पाया कि एक घरेलू महिला से स्कूल के निदेशक बनी मंजू सिंह के अथक संघर्ष की कहानी बयां कर रहा हैं। लिटिल मैरी स्कूल एक मुकाम पर है। जिसकी असीमित ऊंचाईयां है।



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