नवीन चौहान
स्वच्छ सर्वेक्षण अभियान में उत्तराखंड के सभी शहरों में सुधार हुआ है। पिछले वर्ष के मुकाबले अधिकतर शहरों ने अपनी रैकिंग में सुधार करते हुए आगे का स्थान पाया है।
एक लाख से अधिक जनसंख्या वाले शहर
एक लाख से अधिक जनसंख्या वाले शहरों की श्रेणी में उत्तराखण्ड का स्वच्छ सर्वेक्षण रैंकिंग में लगातार सुधार हुआ है। वर्ष 2019 के स्वच्छता सर्वेक्षण में देहरादून का स्थान 384, रूड़की का 281, काशीपुर का 304, हल्द्वानी का 350, हरिद्वार का 376 एवं रूद्रपुर का 403वां स्थान था। जबकि 2020 में देहरादून का 124वां, रूड़की का 131वां, काशीपुर का 139, हल्द्वानी का 229, हरिद्वार का 244 एवं रूद्रपुर का 316 स्थान आया है।
50 हजार से अधिक जनसंख्या वाले शहर
50 हजार से अधिक एवं एक लाख से कम जनसंख्या वाले नगरों में रामनगर का नार्थ जोन के शहरों में 18वां, जसपुर का 56वां एवं पिथौरागढ़ का 58वां स्थान आया है। 25 हजार से 50 हजार से तक की जनसंख्या वाले नगरों की श्रेणी में नार्थ जोन में नैनीताल का 68वां एवं सितारगंज को 106वां स्थान प्राप्त हुआ है।
25 हजार से अधिक जनसंख्या वाले शहर
25 हजार से कम जनसंख्या वाले नगरों की श्रेणी में मुनि कि रेती का 12वां, उखीमठ का 41वां, भीमताल का 50वां एवं नरेन्द्रनगर का 58वां स्थान आया है। देश भर के कुल 92 गंगा निकायों में उत्तराखण्ड से गौचर ने तीसरा, जोशीमठ ने चौथा, रूद्रप्रयाग ने पांचवा, श्रीनगर ने छटवां, गोपेश्वर ने आठवां, मुनि कि रेती ने 11 वां, बड़कोट ने 12वां, कर्णप्रयाग ने 13 वां, कीर्तिनगर ने 18वां, देवप्रयाग ने 20 वां, नन्दप्रयाग ने 22वां व टिहरी ने 28 वां स्थान प्राप्त किया।
शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक द्वारा राज्य की निकायों को बेहतर मार्गदर्शन करने तथा ‘‘स्वच्छ सर्वेक्षण- 2020’’ में उत्कृष्ट कार्य करने वाली राज्य स्तरीय पी0एम0यू0 टीम को भी पुरस्कार प्रदान किया गया। अपर निदेशक शहरी विकास अशोक कुमार पाण्डे, संयुक्त निदेशक कमलेश मेहता, अधीक्षण अभियंता, रवि पाण्डेय, राज्य मिशन प्रबंधक, रवि शंकर बिष्ट, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन एवं आई0ई0सी0 विशेषज्ञ, कमल भट्ट, एम0आई0एस0 विशेषज्ञ, राकेश कुमार, कनिष्ठ सहायक, उपेन्द्र सिंह तड़ियाल एवं अनुज गुलाटी को यह पुरस्कार प्रदान किए गए।
इस अवसर पर नगर पंचायत अध्यक्ष नन्द्रप्रयाग हिमानी वैष्णव, सचिव शहरी विकास शैलेश बगोली, निदेशक शहरी विकास विनोद कुमार सुमन, जिलाधिकारी चमोली स्वाती भदौरिया, जिलाधिकारी अल्मोड़ा नितिन भदौरिया, मुख्य कार्यकारी अधिकारी छावनी परिषद् अल्मोड़ा आकांक्षा तिवारी आदि उपस्थित थे।