नवीन चौहान
हरिद्वार। डिजिटल युग में फेक न्यूज एक बड़ी मुसीबत बनता जा रहा है। झूठे और भ्रामक फोटो और वीडियो को बिना जाने परखे लोग एक दूसरे को वायरल कर देते है। जिसके बाद कानूनी उलझन में फंस जाते है। लेकिन गूगल ने एक बड़ी पहल करते हुये फेक न्यूज की पड़ताल करने के लिये जनता को जागरूक करने की कवायद शुरू कर दी है। जिसके लिये विज्ञान प्रसार एवं विज्ञान एवं तकनीकि विभाग के वैज्ञानिक निमिष कपूर ने हरिद्वार में एक कार्यशाला का आयोजन किया। कार्यशाला में हरिद्वार के पत्रकारों को फेक वीडियो और फोटो की पड़ताल करने का तरीका बताया गया। इसके अलावा उन तमाम एप की जानकारी दी गई जिसका प्रयोग करने के बाद सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे फर्जी वीडियो और फोटो की सच्चाई का पता चल सके। करीब पांच घंटों तक चली इस कार्यशाला में पत्रकारों ने झूठी खबरों के प्रचार प्रसार को रोकने की बारीकियों को भी समझा।
गुरूवार को प्रेस क्लब भवन में गूगल न्यूज इनिशियेटिव इंडिया टेªनिंग नेटवर्क एवं प्रेस क्लब हरिद्वार के द्वारा आयोजित फैक्ट चेकिंग वर्कशाप का आयोजन किया गया। प्रसिद्ध वैज्ञानिक निमिष कपूर ने सोशल मीडिया जैसे फेसबुक, व्हाट्सएप, टविटर पर प्रचारित होने वाले वीडियों की हकीकत का पता लगाने का तरीका बताया। उन्होंने बताया कि विगत कुछ सालों में वीडियो और फोटो को काटकर गलत तरीके से प्रस्तुत किया जाता है। इन फोटो और वीडियो को बिना जाने परखे लोग सच मान लेते है। जबकि सच्चाई में वो फोटो और वीडियो फेक होते है। वैज्ञानिक निमिष कपूर ने बताया कि गूगल पर फेक वीडियो की पहचान करना बहुत आसान होता है। इसके लिये बहुत सारे एप बनाये हुये है। जिसका प्रयोग करने के बाद आप वीडियो और फोटो की सच्चाई का आसानी से पता लगा लेते है। श्री कपूर ने बताया कि कई बार तो इन फेक वीडियो को बिना जाने परखे चैनल वाले खबर तक बना लेते हैं। उन्होंने कुछ फेक वीडियो और फोटो को स्कीन पर दिखाकर पत्रकारों को बताया कि किस तरह गलत और झूठा प्रचार करने के लिये फोटो को गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया है। जिसके बाद देश में विवाद और एक नई किस्म की बहस की स्थिति उत्पन्न हो गई। श्री कपूर ने इस कार्यशाला में बहुत ही महत्वपूर्ण जानकारी पत्रकारों को दी। कार्यशाला में प्रेस क्लब के अध्यक्ष शिव शंकर जायसवाल, महामंत्री ललितेंद्र नाथ, वरिष्ठ पत्रकार कौशल सिखौला, प्रो पीएस चैहान, मुदित अग्रवाल , अविक्षित रमन, राजेश शर्मा, धर्मेंद्र चैधरी, श्रवण झा, जोगेंद्र मावी, राधिका नागरथ, आशीष मिश्रा, दीपक मौर्य, ज्ञान प्रकाश पांडे, शैलेंद्र ठाकुर, अमित गुप्ता, मनोज खन्ना, सुदेश आर्या, नवीन चैहान सहित काफी संख्या में पत्रकार बंधु उपस्थित रहे।
झूठी खबरों के सात प्रकार
-व्यंग्य करना अथवा किसी का उपहास उडाना
-गुमराह करने के उद्देश्य
-ढ़ोंग भरी खबर
-झूठे तत्थ
-मनगढंत
-गलत संदर्भ
– तोड़ी मरोड़ी गई खबरे
फेक वीडियो को पकड़ने वाली वेबसाईट
झूठी और फर्जी वीडियों को पकड़ने वाली कई सारी वेबसाइट गूगल ने बनाई हुई है। इन साइट पर उन फोटो और वीडियो को अपलोड करते ही असली वीडियो और फोटो सामने आ जायेगी। जिससे आपको हकीकत का पता चल सकेगा और आप मुसीबत से बच जायेंगे।गूगल रिर्सच इमेज में जाकर भी आप फेक फोटो का पता लगा सकते है।