हरिद्वार के टॉप टैन बकायेदार, जिनकी तीन दिनों में होंगी गिरफ्तारी या कुर्की




नवीन चौहान
सरकार की आंखों में धूल झोंककर खुद का खजाना भरने वाले बकायेदारों पर एसडीएम कुश्म चौहान ने अपनी नजरे तिरछी कर ली है। उन्होंने इन सभी बकायेदारों से जुर्माने की रकम वसूलने के लिए तहसील प्रशासन के अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाते हुए राजस्व वसूलने के निर्देश दिए है। एसडीएम ने राजस्व समीक्षा बैठक के दौरान अधिकारियों को तीन दिनों का अल्टीमेटम देते हुए कहा कि बकायेदारों की गिरफ्तारी अथवा कुर्की की जाए। लेकिन किसी भी सूरत में राजस्व वसूला जाए। ऐसे में एसडीएम के आदेशों का पालन कराने के लिए तहसील प्रशासन में हड़कंप मचा है। तहसीलदार आशीष घिल्डियाल, नायाब तहसीलदार सुशील सैनी और तमाम अधिकारी बकायेदारों की सूची लेकर राजस्व वसूली की तैयारियों में जुट गए है। देखना होगा कि सालों से सरकार का पैंसा दबाये बैठे ये बकायेदार राजस्व जमा कराते है। या अपनी राजनैतिक पहुंच से इस मामले को दबाने में कामयाब हो पाते है।
हरिद्वार जनपद में विभिन्न कार्य दिवसों में प्रशासनिक अफसर वाणिज्यिक प्रतिष्ठिानों पर छापेमारी करते हैं। छापेमारी के दौरान गड़बड़ी पाये जाने की पुष्टि होने के बाद जुर्माने की कार्यवाही अमल में लाई जाती है। इस जुर्माने की रकम को वसूलकर सरकारी खजाने में जमा कराना होता है। अपनी ऊंची राजनैतिक पहुंच के चलते ये कारोबारी जुर्माने की फाइल को ठंडे बस्ते में डलवा देते है। जिससे प्रशासनिक अधिकारी राजस्व वसूली करने से ठिठकते है। लेकिन हरिद्वार में पहली बार एसडीएम कुश्म चौहान ने कई सालों से अलमारी में धूल फांक रही जुर्माने की फाइलों को बाहर निकालकर राजस्व वसूलने के निर्देश दिए। जिसके बाद से बकायेदारों और तहसील प्रशासन के कर्मचारियों में हड़कंप मचा हुआ है। तहसील कर्मियों की कारोबारियों से सांठगांठ भी एसडीएम के अल्टीमेटम के बाद खतरे में पड़ती दिखाई दे रही है। जो कर्मचारी कारोबारियों के जाकर चाय बिस्कुट खाते और नजराना वसूलते थे। वह उनकी गिरफ्तारी और कुर्की करने जायेंगे। हरिद्वार में खनन, बिजली और वाणिज्य के बकायेदार है। ऐसे ही दस बड़े बकायेदारों की सूची को लेकर प्रशासनिक अधिकारी वसूली पर निकले है। बताते चले कि एसडीएम कुश्म चौहान अपनी ईमानदार कार्यशैली के लिए जानी जाती है। वह पूरी कर्तव्यनिष्ठा के साथ अपने फर्ज को अंजाम देती है। यही कारण है कि एसडीएम कुश्म चौहान उत्तराखंड सरकार की अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाने और सरकारी खजाना भरने में कोई कोर कसर बाकी नही छोड़ती है। उनकी ईमानदारी के चलते माफिया लॉब हावी नही हो पाई। ऐसे में उनका वसूली आदेश कारोबारियों की नींद उड़ा रहा है।

हरिद्वार के टॉप टैन बकायेदार
1. मै0 नटराज स्टोन क्रेशर ग्राम बिशनपुर झरड़ा तहसील व जिला हरिद्वार बकाया धनराशि तीन करोड, अडतीस लाख, पांच हजार, आठ सौ अस्सी रूपये।
2. मै0 तिरूपति ग्रामोद्योग संस्थान स्टोर क्रेशर भोगपुर बकाया धनराशि एक करोड़, चौरासी लाख​, तिरासी हजार, छ: सौ पचास रूपये।
3. मै0 महाराजा स्टोन क्रेशर ग्राम फेरूपुरा रामखेड़ा तहसील व जिला हरिद्वार बकाया धनराशि दो करोड़, पैंसठ लाख, चौंतीस हजार रूपये।
4. प्रबन्ध मैसर्स दुर्गा स्टोन क्रेशर ग्राम भोगपुर तहसील व जिला हरिद्वार बकाया धनराशि एक करोड,
पैंसठ लाख, दो हजार, आठ सौ पच्चीस रूपये।
5. मै0 प्रोबेदा हर्बल प्लाट नं0 3 सैक्टर 2 सिडकुल हरिद्वार बकाया धनराशि छ: करोड़, सैंतीस लाख, तीस हजार, एक सौ तिरसठ रूपये।
6. तिलक राम मामचन्द व मदन सिंह पुत्र शिवचरण निवासी धारीवाला बकाया धनराशि अठत्त लाख, इकतीस हजार, चार सौ सत्तर रूपये।
7. कुमार स्टोन क्रेशर रानी माजरा बकाया धनराशि एक करोड़, पचास लाख, इकसठ हजार रूपये।
8. नदीम अहमद पुत्र शरीफ अहमद निवासी बाडीटीप बकाया धनराशि तिरसठ लाख, पचहत्तर हजार, चार सौ रूपये।
9. ओम उद्योग गोदाम—01 इण्डस्ट्रीयल एरिया बहादराबाद बकाया धनराशि ​चार करोड़, तिरपन लाख, चौदह हजार, तीन सौ चार रूपये।
10. मैसेस शिवालिक स्टोन क्रेशर भोगपुर बकाया धनराशि इकहत्तर लाख, तिरासी हजार, एक सौ तीस रूपये।



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