हरिद्वार के अधिग्रहित जमीन वाले किसानों को रेलवे में मिलेगी नौकरी




नवीन चौहान
जिलाधिकारी हरिद्वार दीपेन्द्र चौधरी की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार रोशनाबाद में रेलवे परियोजना रूड़की-देवबंद के सम्बन्ध में बैठक आयोजित की गयी। बैठक में किसान संगठन के प्रतिनिधियों द्वारा अवगत कराया गया कि रेलवे परियोजना रूड़की-देवबंद हेतु 2011 में बहस्तीपुर, पनियाला, रहीमपुर व शाहलापुर चार गांवों की जमीन का अधिग्रहण किया गया था। अधिग्रहण के समय जिस किसान की जमीन रेलवे के लिए अधिग्रहण की गयी। उस परिवार के एक सदस्य को रेल विभाग में नौकरी दी जाने का आश्वासन दिया गया था, किन्तु अभी तक किसी को नौकरी नहीं दी गयी तथा रेलवे द्वारा नौकरी दिये जाने से इनकार किया जा रहा है। किसानों द्वारा नौकरी न दिये जाने पर वर्तमान सर्किल रेट के अनुसार मुआवजा दिलाये जाने की मांग की गयी।
उपमुख्य अभियन्ता निर्माण उत्तर रेलवे शैलेन्द्र कुमार द्वारा बताया गया कि जमीन अधिग्रहण एक्ट के अनुसार उस किसान के परिवार को नौकरी दिये जाने का प्रावधान है जो अधिग्रहण के पश्चात् भूमिहीन हो गया हो तथा पुराना मुआवजा बढ़ाकर नहीं दिया जा सकता है। इस संबंध में कुछ किसानों ने न्यायालय में भी वाद दायर किया है।


जिलाधिकारी ने संबंधित किसानों को अपनी मांगों का प्रस्ताव बनाकर देने को कहा जिसे जिला प्रशासन द्वारा भारतीय रेलवे बोर्ड को अग्रसरित कर किसानों की समस्याओं एवं मांगों का जल्द समाधान करने का अनुरोध किया जाएगा। उन्होंने किसानों से जनहित को देखते हुए उक्त परियोजना में अपना सहयोग एवं कार्य में बाधा न पहुंचाने का अनुरोध किया।
बैठक में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सैंथिल अबुदई कृष्णराज एस, ज्वांइट मजिस्ट्रेट रूडकी श्रीमती नितिका खंडेलवाल, अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व श्री हरबीर सिंह, एसपी ग्रामीण नवनीत भुल्लर, एसएलएओ हरिद्वार स्मृता परमार, वरिष्ठ अधिशासी अभियंता निर्माण उत्तर रेलवे रूड़की  वीके. तलवार, वरिष्ठ खण्ड अभियंता निर्माण उत्तर रेलवे रूड़की नीरज गुप्ता,  किसान यूनियनों के पदाधिकार एवं संबंधित गांवों के किसान उपस्थित थे।



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