president ramnath kovind ने कहा ज्ञानकुंभ एक अच्छी पहल, जानिए पूरी खबर




कहाः शिक्षा के साथ संस्कारों का बीज बोना शिक्षक की जिम्मेदारी
योग को लेकर महामहिम ने की बाबा रामदेव की तारीफ
नवीन, चौहान, हरिद्वार। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शनिवार को पतंजलि योगपीठ में उत्तराखंड के उच्च शिक्षा विभाग और पतंजलि विश्वविद्यालय की ओर से आयोजित दो-दिवसीय राष्ट्रीय ज्ञानकुंभ उद्घाटन किया। इस वृहद आयोजन का मकसद उच्चतर शिक्षा में गुणात्मक सुधार और भविष्य की चुनौतियों का समाधान तलाशना है। पतंजलि योगपीठ पहुंचने से पूर्व राष्ट्रपति का विमान जौलीग्रांट एयरपोर्ट उतरा। जहां राज्यपाल बेबी रानी मौर्य और मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने उनका स्वागत किया।
ज्ञानकुंभ को सम्बोधित करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि पतंजलि योगपीठ में आयोजित इस ज्ञान कुंभ 2018 में आकर मुझे अपार हर्ष का अनुभव होता है। इस देश में सदियों से धार्मिक कुंभ के आयोजन की परंपरा रही है। ऐसे आयोजनों का होना अच्छी पहल है। विदित हो कि दो दिवसीय इस ज्ञान कुंभ में 18 राज्यों के उच्च शिक्षामंत्री व उच्च शिक्षा सचिव और 131 विश्वविद्यालयों के कुलपति भाग ले रहे हैं।
महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि योग में स्वामी रामदेव का योगदान अभूतपूर्व है। योग का अभ्यास पर्वतों कंदराओं और एकांतवास में जाकर किया जा सकता था, किन्तु बाबा रामदेव ने योग को घर-घर पहुंचा दिया है। यह बाबा रामदेव का योग को लेकर अथक प्रयास था कि 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में विश्वभर में होने लगा है।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि कोई भी छात्र शिक्षा के अवसर से वंचित ना रह पाए। ज्ञान देने के साथ-साथ संस्कारों के बीज बोना शिक्षकों की जिम्मेदारी है। प्रेम और संस्कार भी वही शिक्षक दे सकता है। जिसमें स्वयं त्याग और संवेदनशीलता मौजूद हो। कहाकि हमारे देश में आदर्श शिक्षकों के अनेक उदाहरण उपलब्ध है। चाणक्य को राष्ट्र निर्माण में प्रमुख आचार्य माना जाता है। तक्षशिला विश्वविद्यालय में शिक्षा प्राप्त की अपनी प्रतिभा द्वारा वही प्राचार्य और बाद में कुलपति बने और अंततः मौर्य साम्राज्य के निर्माता और महामात्य बने।
राष्ट्रपति ने कहा कि भीमराव आंबेडकर ने अपने अध्यापक से आशीर्वाद की याचना की तो उक्त अध्यापक ने अपना उपनाम आंबेडकर सदा के लिए उन्हें दे दिया। कहा कि भारत के राष्ट्रपति बनने वाले डॉक्टर कलाम का पूरा जीवन शिक्षा और शिक्षक के महत्व की एक जीती जागती कहानी है। एक साधारण से परिवार में जन्म लेने के बाद वह महान वैज्ञानिक बने। उनका जीवन अनुकरणीय है। शिक्षा का इतिहास महामना मदन मोहन मालवीय के बिना पूरा नहीं हो सकता। उच्च शिक्षा में गुणवत्ता के लिए राष्ट्रपति ने कहा कि जिस प्रकार विदेशों में इंडोलॉजी का अध्ययन कराया जा रहा है, वैसे ही रशियन स्टडीज, जर्मन स्टडीज, फ्रेंच स्टडीज जैसे सेंटर भारत में भी खोले जाएं। उन्होंने उम्मीद जताई की मानव संसाधन विकास मंत्रालय इस दिशा में पहल करेगा। राष्ट्रपति ने कहा कि मैं आशा करता हूं कि इस आयोजन के परिणाम स्वरूप उत्तराखंड में ही नहीं, बल्कि पूरे देश में विश्व स्तर की शिक्षा उपलब्ध कराने में सहायता प्राप्त होगी। कहाकि उच्च शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने की सफलता के लिए मेरी हार्दिक शुभकामनाएं हैं।
ज्ञान कुंभ के उद्घाटन अवसर पर उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि देश की दशा व दिशा को बदलने के लिए ज्ञानकुंभ में मंथन होगा। उच्च शिक्षा के क्षेत्र की दिक्कतांे को दूर करने पर भी विचार होगा। उच्च शिक्षा में भारत अभी अन्य देशों से पिछड़ा हुआ है। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि देश में कुल 903 विश्वविद्यालय हैं। इनमें केवल 39 फीसदी में ही शोध होता है। 39 हजार महाविद्यालय में से केवल 4 फीसदी महाविद्यालयों में ही उच्च शिक्षा की व्यवस्था है। इन्हीं विषयों से संबंधित मामलों में ज्ञानकुंभ में चर्चा होगी।
इस अवसर पर योग गुरु बाबा रामदेव ने कहा कि शिक्षा के जरिये हमें भारत को पुनः विश्व गुरु बनाना है। ज्ञान कुंभ का आयोजन इसी उद्देश्य को दृष्टिगत रखते किया गया है। पतंजलि योगपीठ के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण ने कहा स्वास्थ्य के अलावा शिक्षा के क्षेत्र में भी पतंजलि महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। ज्ञानकुंभ के माध्यम से उच्च शिक्षा के क्षेत्र में गुणात्मक सुधार और नवीन विचारों का समावेश होगा। इस आयोजन से निकला संदेश भारतीय शिक्षा के लिए मील का पत्थर साबित होगा। विदित हो कि ज्ञानकुंभ में पांच तकनीकी सत्रों को मिलाकर कुल नौ सत्र होंगे। समापन सत्र में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बतौर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित होंगे। पतंजलि योगपीठ में शिरकत करने के पश्चात राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का काफिला ऋषिेश एम्स के लिए रवाना हो गया। जहां महामहिम एम्स के प्रथम दीक्षांत समारोह में शिरकत कर विद्यार्थियों को उपाधियां प्रदान करेंगे।



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