हरिद्वार पुलिस गरीब बेसहारा बच्चों के लिये बन गई फरिश्ता, जानिये पूरी खबर




नवीन चौहान, हरिद्वार। झुग्गी झोपड़ी में रहकर जीवन गुजार रहे गरीब बच्चों के लिये हरिद्वार पुलिस फरिस्ता बन गई हैं। हरिद्वार पुलिस ने सड़कों पर पन्नियां बीनने वाले और मांग कर गुजर बसर करने वाले तमाम गरीब बच्चों को एकट्ठा कर शांतिकुंज का भ्रमण कराकर शिक्षा ग्रहण करने के लिये प्रेरित किया है। शांतिकुंज ने पुलिस की इस पहल का स्वागत करते हुये सभी बच्चों की प्रतिभा को निखारने में सहयोग करने का भरोसा दिया हैं। गरीब बच्चों को शांतिकुंज का भ्रमण कराने और शिक्षा के लिये प्रेरित करने में एसएसपी कृष्ण कुमार वीके की धर्मपत्नी शीबा कृष्ण कुमार वीके का अहम योगदान हैं।SSP_5543N
एसएसपी कृष्ण कुमार वीके और उनकी धर्मपत्नी शीबा कृष्ण वीके को बच्चों से बेहद लगाव हैं। वह धार्मिक कार्यो में बढ़चढ़ कर हिस्सा लेती है। इसी के साथ समाज के उत्थान में भी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती हैं। एसएसपी की टीम में एसपी सिटी ममता वोहरा का बच्चों से प्रेम भी जग जाहिर है। गरीब बच्चों से उनका भी पूरा लगाव है। इसी टीम का हिस्सा बनी आईपीएस ऑफिसर रचिता जुयाल जो कि वर्तमान में एएसपी के पर है उनका भी गरीब बच्चों को शिक्षित करने और उनका उत्थान करने की दिशा में उनका भी पूरा रूझान हैं। एसएसपी कृष्ण कुमार वीके और उनकी पत्नी शीबा केकेवीके को हरकी पैड़ी के समीप झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले गरीब बच्चों की जानकारी मिली। इसका पता चलते ही एसएसपी कृष्ण कुमार वीके की धर्मपत्नी शीबा केकेवीके ,एसपी सिटी ममता वोहरा और एएसपी सीओ सदर रचिता जुयाल ने मिलकर तमाम बच्चों की जानकारी हासिल की । इन सभी बच्चों की आर्थिक स्थिति और परिवार के बारे में पता किया। जिसके बाद सभी ने इन बच्चों को एकजुट किया और शांतिकुंज के संचालकों से सभी बच्चों को शिक्षित करने पर चर्चा की। समाजसेवा में अग्रणी संस्था शांतिकुंज ने इन सभी बच्चों को भोजन और कला संगीत की शिक्षा देने भोजन की व्यवस्था करने की स्वीकृति प्रदान कर दी गई। जिसके बाद सभी बच्चों को एक साथ पूरे सम्मान के साथ बाल संस्कारशाला में ले जाया गया। जहां सभी बच्चों से उनकी रूचि जानी गई। सभी बच्चों के लिये शांतिकुंज में कार्यक्रम आयोजित किया गया। पुलिस के इस प्रयास की जिनती सराहना की जाये उतनी कम है। बतादे कि गरीब बच्चों के लिये फरिश्ता बनी पुलिस ने ये तमाम जानकारी बेहद गोपनीय रखी थी। पुलिस अधिकारी किसी को ये बताना नहीं चाहते है कि गरीब बच्चों को शिक्षित करने का कार्य पुलिस कर रही है। लेकिन शांतिकुंज की ओर से ये खबर मीडिया को जारी कर दी गई। जिसके बाद पुलिस अधिकारियों की ये संवेदनशीलता की हकीकत जनता के सामने आ सकी। ये सच भी है कि समाजसेवा का कार्य आत्मसंतुष्टि के लिये किया जाता है। खबरों के लिये नहीं किया जाता है। लेकिन शांतिकुंज की ओर से इस सूचना के लीक होने के बाद खुद एसएसपी कृष्ण कुमार वीके की भावनायें आहत हुई है। बता दे कि इससे पूर्व भी पुलिस लाइन में एसएसपी दो गरीब बच्चों को सरकारी मेहमान बना चुके है। वह उन बच्चों को शिक्षित कराने का कार्य कर रहे है।



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