भोले के भक्तों को आशीर्वाद देने दून पहुंचे सोमेश्वरानंद, जानिए पूरी खबर




नवीन चौहान, देहरादून। श्री सिद्धेश्वर महादेव पशुपति आश्रम का 42वां स्थापना दिवस उल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर अनेक धार्मिक आयोजन हुए। स्थापना दिवस की शुरूआत भगवान शिव के अभिषेक के साथ हुई।
इस अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि म.म. स्वामी सोमश्वरानंद गिरि महाराज ने अपने आशीर्वचन में कहा कि भगवान शिव ही एकमात्र ऐसे देव हैं जिन्हें महादेव कहा गया है। देवताओं को अनेक प्रकार के नैवेध चढ़ाए जाते हैं, किन्तु भगवान शिव एक लोटा जल व विल्वपत्र मात्र से ही प्रसन्न हो जाते हैं।IMG_20180104_125555
कहा कि यदि भगवान को पाना है तो उन्हें बांसुरी की तरह स्वंय को समर्पित करना होगा। जिस प्रकार बांस की बनी बांसुरी अधरों पर लगने के बाद मधुर स्वर देती है ठीक उसी प्रकार से भगवान के प्रति समर्पित हुए व्यक्ति का जीवन भी मंगलमय हो जाता है और वह समाज में भक्ति की धारा प्रवाहित करता है। वह बांसुरी की भांति भगवान का सानिध्य प्राप्त कर लेता है। म.म. स्वामी सोमेश्वरानंद गिरि महाराज ने कहा कि इसके साथ ही लोभ और मोह का भी लोगों को त्याग करना चाहिए। क्यों की निश्चल व्यक्ति ही भगवान को प्रिय होता है। उन्होंने नर सेवा को नारायण सेवा बताया। स्थापना दिवस पर अए सभी का उन्हांने आशीर्वाद दिया।
इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि धर्मेन्द्र सिंह नेगी ने भी अपने विचार रखते हुए आयोजकों को साधुवाद दिया। रूद्राभिषेक के साथ आरम्भ हुए स्थापना दिवस का समापन विशाल भण्डारे के साथ हुआ। इससे पूर्व अतिथयों का स्वागत किया गया। इस अवसर पर गोपालानंद ब्रह्मचारी, एसबी थापा, रमेश शर्मा, किशन थापा, पद्म बहादुर थापा, संजय कटियार, अशोक घले, गोविन्द घले, मनबहादुर ठकरी, श्रीमती मंजू थापा, श्रीमती अरूणा घुन व रूपराम गुरूंग समेत बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे।



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