गंगोत्री धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद




नवीन चौहान, गंगोत्री मंदिर के कपाट शीतकाल के लिए अन्नकूट के पावन पर्व पर शुभ मुर्हुत में बंद हो गए। गंगोत्री मंदिर समिति के अध्यक्ष सुरेश सेमवाल के मुताबिक गंगोत्री मंदिर के कपाट बंद होने की प्रक्रिया सुबह 8.30 बजे से शुरू हो गई थी। इस प्रक्रिया के तहत सबसे पहले मां गंगा का मुकुट उतारा गया। इसके बाद निर्वाण दर्शन किए गए।

  • इस अवसर पर वेद मंत्रों के साथ मां की मूर्ति का महाभिषेक कर विशेष पूजा अर्चना की गई।
  • पूजा के बाद 11.40 बजे मंदिर के कपाट शीत काल के लिए बंद कर दिए गए।
  • मंदिर के कपाट बंद होने के बाद करीब 11.55 बजे गंगा जी की भोग मूर्ति को डोली यात्रा के साथ मुखबा के लिए रवाना किया गया।
  • बताया गया​ कि डोली यात्रा मुखबा मार्कण्डेय के निकट देवी मंदिर में रात्रि विश्राम करेगी।
  • यहां से मंगलवार को मां गंगा की भोग मूर्ति को मुखबा स्थित गंगा मंदिर में स्थापित किया जाएगा।
  • बताया गया कि गंगोत्री के बाद भैयादूज पर यानि 29 अक्तूबर को यमुनोत्री मंदिर के कपाट विधि विधान से पूजा अर्चना के बाद शीतकाल के लिए बंद किए जाएंगे।
  • 29 अक्तूबर को ही केदारनाथ धाम के कपाट मंगलवार सुबह 8:30 बजे बंद होंगे। इसके बाद 17 नवंबर को बदरीनाथ मंदिर के कपाट बंद होने हैं।
  • बदरीनाथ मंदिर के कपाट बंद होने के साथ ही चारधाम यात्रा का समापन हो जाएगा।


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