संघर्ष की तपिश में निखरकर खरा सोना निशंक, अब केंद्रीय मंत्री बने




नवीन चौहान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ही तरह हरिद्वार सांसद रमेश पोखरियाल निशंक का बचपन बेहद गरीबी और संघर्ष के दौर से गुजरा। जीवन की तमाम चुनौतियों का सामना करते हुए निशंक ने अपना भाग्य खुद कर्म से लिखा। उन्होंने उत्तरी हरिद्वार के एक आश्रम में शिक्षा ग्रहण की तथा संघ में स्कूल में मास्टरी की। जिसके बाद पत्रकारिता का दामन थाम तो साहित्य और काव्य जगत में पहचान बनाई। साहित्य के क्षेत्र से निकलकर राजनीति में कदम बढ़ाए तो उत्तराखंड के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर विराजमान हुए। अंहकार से कोसो दूर और हर किसी को अपना बनाने की काबलियत निशंक को केंद्र की सत्ता तक ले गई। विषम परिस्थितियों में भी हिम्मत नहीं हारने वाले निशंक राजनीति के मंझे हुए खिलाड़ी बन गए। हरिद्वार से दूसरी बार लोकसभा का चुनाव जीता तो निशंक की मेहनत को पीएम मोदी ने ईनाम के तौर पर केंद्र सरकार में मंत्रीपद की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी देने का मन बनाया है।
भारत के लोकतंत्र की 17वीं लोकसभा के गठन के लिए सम्पन्न चुनाव में भाजपा ने प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता हासिल की है। हालांकि भाजपा के साथ अन्य पार्टियों का गठबंधन भी है। लेकिन उत्‍तराखंड की बात करें तो यहां से भाजपा के पांचों सांसद भारी मतों से जीत दर्ज करके संसद पहुंचे हैं। जब बात उत्तराखंड के प्रतिनिधित्व की आती है तो अनुभव में हरिद्वार सांसद रमेश पोखरियाल निशंक का नाम सबसे है। सांसद निशंक की सबसे बड़ी खूबी यह भी है तो उन्होंने आज जो भी स्थान राजनीति के क्षेत्र में पाया है उसके पीछे उनकी मेहनत औी लगन है। भाजपा में वरिष्ठ नेताओं में शुमार निशंक चुनाव जीतने की गारंटी भी है। अब बात करते है​ निशंक के बचपन की तो वह उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल के पिनानी से आते है। उनके बाल सखा वरिष्ठ पत्रकार गोपाल रावत बताते है कि निशंक में बचपन से ही कुछ कर गुजरने का जज्बा था। जो ठान लेते थे उसे पूरा करके ही दम लेते थे। बेहद गरीबी के दिनों में गुजारे अतीत के दिन उनकी प्रेरणा है। जिसके चलते वह हमेशा संघर्षशील रहते है। निशंक कभी किसी की बात का कोई बुरा नही मानते। आलोचनाओं को सुनना और फिर उस कमी को दूर करने की उनकी काबलियत ही आज इस मुकाम तक लेकर पहुंची है। निशंक के मीडिया प्रभारी ओमप्रकाश जमदग्नि बताते है निशंक एक साधारण व्यक्तित्व के प्रतिभावान नेता है। जो गरीबों के हितों के लिए कार्य करने और एक विकासशील सोच को प्रदर्शित करते है। वह कोई भी कार्य एक विजन लेकर करते है। मंत्रीमंडल में शामिल करने के बाद जो भी जिम्मेदारी निशंक जी को मिलेगी वह पूरी ऊर्जा और पारदर्शिता के साथ उसको पूरा करेंगे।
एक नजर में निशंक का कैरियर
डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक, सांसद (हरिद्वार, उत्तराखंड)
पिता- स्व. परमानंद पोखरियाल
मां- स्व. विशंभरी देवी
जन्म- 15 जुलाई 1959
जन्म स्थान- पिनानी, पौड़ी गढ़वाल
शादी- 7 मई 1985
पत्नी- कुसुमकांता
शिक्षा- एमए, पीएचडी(ऑनर्स), डी. लिट(ऑनर्स), हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल यूनिवर्सिटी श्रीनगर।
साल 1991 से साल 2012 तक पांच बार यूपी और उत्तराखंड की विधानसभा पहुंचे।
साल 1991 में पहली बार उत्तर प्रदेश में कर्णप्रयाग विधानसभा क्षेत्र से विधायक निर्वाचित। जिसके बाद लगातार तीन बार विधायक बने।
साल 1997 में उत्तर प्रदेश सरकार में कल्याण सिंह मंत्रिमंडल में पर्वतीय विकास विभाग के मंत्री बने।
साल 1999 में रामप्रकाश गुप्त की सरकार में संस्कृति पूर्त व धर्मस्व मंत्री।
2000 में उत्तराखंड राज्य निर्माण के बाद प्रदेश के पहले वित्त, राजस्व, कर, पेयजल सहित 12 विभागों के मंत्री।
वर्ष 2007 में उत्तराखंड सरकार में चिकित्सा स्वास्थ्य, भाषा तथा विज्ञान प्रौद्योगिकी विभाग के मंत्री।
वर्ष 2009 में उत्तराखंड के सबसे युवा मुख्यमंत्री।
वर्ष 2012 में डोईवाला (देहरादून) क्षेत्र से विधायक निर्वाचित।
वर्ष 2014 में डोईवाला से इस्तीफा देकर हरिद्वार लोकसभा क्षेत्र से पौने दो लाख मतों से सांसद निर्वाचित।
वर्ष 2019 में हरिद्वार लोकसभा से एक बार फिर ढाई लाख मतों से जीतकर सांसद निर्वाचित



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