डीएम दीपक रावत का अनूठा इंसाफ, पीड़ित को न्याय और लापरवाह को दंड




नवीन चौहान, हरिद्वार। डीएम दीपक रावत पीड़ितों को इंसाफ देने के मामले में कितने संजीदा इसका अंदाजा इस खबर को पढ़कर लगाया जा सकता है। उन्होंने एक सेवानिवृत्त अमीन को 9 माह से पेंशन जारी नहीं किए जाने पर लापरवाह अधिकारी के वेतन आहरण पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही रिटायर्ड अमीन के तमाम कागजात प्रस्तुत करने के आदेश दिए हैं।
हरिद्वार तहसील के सेवानिवृत्त अमीन पूर्णानंद जोशी कार्यालय विशेष भूमि अध्यापित अधिकारी करीब नौ माह पूर्व रिटायर्ड हो गए। लेकिन विभाग द्वारा उनकी पेंशन जारी नहीं की गई। पीड़ित पूर्णानंद जोशी अपनी पत्नी को साथ लेकर डीएम दीपक रावत के ऑफिस पहुंचे और अपनी पीड़ा बताई। पीड़ित ने बताया कि 24 जुलाई 2018 को वह रिटायर्ड हो गए थे। लेकिन पेंशन विभाग की ओर से ना ही पेंशन जारी की गई और ना ही पेंशन के कागजात प्रेषित किए गए। डीएम दीपक रावत ने पीड़ित पूर्णानंद की पूरी बात को ध्यान से सुना और तत्काल पेंशन कॉर्यालय से जानकारी हासिल की। जिसके बाद डीएम दीपक रावत ने तत्काल आदेश जारी किया। डीएम दीपक रावत ने अपने आदेश में बताया कि सेवानिवृत्त होने के 9 माह तक पेंशन नहीं मिलना विभाग की लापरवाही को उजागर करता है। अतः विशेष भूमि अध्यापित अधिकारी कार्यालय के पेंशन प्रपत्र तैयार करने वाले कार्यालय सहायक शैलेष कृष्ण का अग्रिम आदेशों तक अथवा पूर्णानंद जोशी सेवानिवृत्त अमीन की पेंशन चालू होने तक वेतन आहरण पर रोक लगाई जाती है। इसी के साथ शैलेष कृष्ण को निर्देषित किया जाता है कि पूर्णानंद जोशी के पेंशन प्रकरण के संबंधित जो भी कागजात तथा ऑन लाइन प्रपत्र अभी तक विभाग द्वारा प्रेषित किए गए है उनके प्रिंट आउट अधोहस्ताक्षरी को अपने स्पष्टीकरण सहित प्रस्तुत करें। डीएम दीपक रावत के तत्काल इस आदेश के बाद लापरवाह अधिकारियों में हड़कंप मच गया। हालांकि ये कोई पहला मामला नहीं है, जिसमें डीएम दीपक रावत ने तत्काल आदेश दिया हो। प्रत्येक सोमवार को कलेक्ट्रेट में लगने वाले जनता दरबार में भी वह पीड़ितों की तमाम समस्याओं का मौके पर ही निस्तारण करते रहे हैं। हालांकि ये प्रकरण सबसे अलग है। जिसमें सरकारी अधिकारी के सेवानिवृत्त होने के बाद उसे पेंशन के लिए जूझना पड़ रहा है। लेकिन डीएम दीपक रावत ने पीड़ित परिवार के दर्द को महसूस किया और समस्या के निस्तारण करने के लिए लापरवाह अधिकारी के ही वेतन पर रोक लगा दी। बतातें चले कि डीएम दीपक रावत बाहर से भले ही कड़क दिखाई पड़ते है लेकिन, उनकी मानवीय संवेदनाएं हमेशा पीड़ितों के हितों में दिखाई दी है।



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