नवीन चौहान, हरिद्वार। बच्चे देश के भावी कर्णधार होते हैं। शिक्षा ही एक ऐसा माध्यम है जो बच्चों को फर्श से अर्श तक पहुंचा सकती है। यदि बच्चे को गलत शिक्षा मिले तो वही उसे अर्श से फर्श तक पहुंचा सकती है। वर्तमान में बच्चे आधुनिक शिक्षा की ओर बढ़ रहे हैं। जबकि सनातन संस्कृति में वह ज्ञान निहित है जिसको पाकर व्यक्ति आत्मा ओर परमात्मा का साक्षात्कार कर सकता है। बच्चों को वर्तमान में आधुनिक शिक्षा के साथ मूल्य परक शिक्षा की भी जरूरत है और इसर कार्य को डीएवी स्कूल बखूबी निभा रहा है। डीएवी में आधुनिक शिक्षा के साथ हमारे प्राचीन मूल्यों पर आधारित शिक्षा भी दी जा रही है। जिससे बच्चे योग्य व कुशल बर सकें। डीएवी आधुनिक विद्यालय होते हुए भी हमारी अरबों वर्ष प्राचीन परम्पराओं को संजोए रखने के साथ बच्चों को शिक्षा दे रहा है। यहां के बच्चे आधुनिक शिक्षा में निणांत होने के साथ अर्वाचीन शिक्षा में अग्रणी हो रहे हैं।
डीएवी में प्रति सप्ताह हवन यज्ञ का आयोजन बच्चों को हमारे प्राचीन ज्ञान से अवगत कराया जाता है। प्रातः विधिपूर्वक हवन कर बच्चों को हवन की उपयोगिता और हवन के मानव तथा पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभावों से बच्चों को अवगत कराया जाता है। यह सब कार्य डीएवी के प्रधानाचार्य पीसी पुरोहित के नेतृत्व में किया जा रहा है। सुखद बात यह कि हवन यज्ञ के फायदों के संबंध में बच्चों को बताए जाने पर वह इसमें रूचि भी लेते है और अपनी जिज्ञासाओं को भी प्रकट करते हैं। जिनका उन्हें उत्तर भी सरल तरीके से दिया जाता है। यही कारण है कि साप्ताहिक हवन कार्यक्रम में बच्चों की रूचि बढ़ती जा रही है।
साप्ताहिक हवन का कार्यक्रम कर जहां डीएवी सेंटेनरी पब्लिक स्कूल बच्चांें को हमारी अर्वाचीन परम्पराओं से आत्मसात कराने का कार्य कर रहा है। आधुनिक शिक्षा के साथ प्राचीन शिक्षा से भी ग्रहण कर श्रेष्ठ नागरिक बनने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।
बुधवार को हुए साप्ताहिक हवन कार्यक्रम में यज्ञ के ब्रह्मा प्रधानाचार्य पीसी पुरोहित रहे। हवन सम्पन्न कराने में शिक्षिका अनीता स्नातिका, जूनियर विंग इंचार्ज केवी त्यागी रहीं। यज्ञ में कक्षा चार के सभी सेक्शन के छात्र-छात्राओं ने आहूति दी।