एक बात जो ​बदल सकती है जिंदगी होगा भाग्योदय




नवीन चौहान
डीएवी सेंटेनरी स्कूल के प्रधानाचार्य पीसी पुरोहित ने कहा कि संकल्प का कोई विकल्प नही होता है। जीवन में जो बच्चे एक संकल्प को लेकर आगे बढ़ते है, वह अपने मुकाम पर पहुंचते है। उन्होंने कहा कि बच्चों में संस्कार की पहली पाठशाला घर है। जहां मम्मी-पापा का आचरण और परिवार का वातावरण बच्चों के दिमाग को प्रभावित करता है। बच्चा सबसे ज्यादा घर से ही सीखता है। इसीलिए अभिभावकों की जिम्मेदारी है कि वो अपने बच्चों के सामने एक आदर्श प्रस्तुत करें और कुरीतियों से दूर रहे। जिससे बच्चों का मस्तिष्क साफ सुथरा रहे और अच्छी बातें प्रवेश करें। उक्त बात उन्होंने. मातृ दिवस. पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान अभिभावकों को संबोधित करते हुए कही।
कार्यक्रम का शुभारंभ प्रधानाचार्य पीसी पुरोहित व बुजुर्ग महिला अभिभावक ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर किया। इस अवसर पर प्रधानाचार्य पीसी पुरोहित ने कहा कि बड़ी खुशी होती है। जब अपने बच्चों के कार्यक्रम को देखने का मौका मिलता है। उन्होंने कहा कि आज हम जो वो सिर्फ बच्चों की खातिर है। उन्होंने कहा कि आज के दौर में सभी अभिभावकों को बच्चों के साथ दोस्ताना व्यवहार में रहना चाहिए। जिससे बच्चों की मानसिक स्थिति का पता चलता रहे। उन्होंने कहा कि अभिभावकों की बच्चों से अपेक्षाएं बहुत बढ़ गई है। सभी अभिभावक अपने बच्चों को टॉपर देखना चाहते है। प्रतिस्पर्धा के इस युग में अभिभावक, शिक्षक और बच्चे इस रेस में है। इसीलिए सभी को सकारात्मक प्रयास करते हुए बच्चों का उत्साह बनाए रखना है। प्रधानाचार्य पीसी पुरोहित ने मातृ दिवस पर सभी माताओं को शुभकामनाए दी। इस अवसर पर स्कूली बच्चों ने शानदार रंगारंग प्रस्तुतियां देकर अभिभावको को आत्मविभोर कर दिया। स्कूली शिक्षक-शिक्षिकाओं ने भी कार्यक्रम को सफल बनाने में अथक प्रयास किए। जिसके चलते कार्यक्रम बहुत ही शानदार रहा। अभिभावकों ने भी कार्यक्रम की सराहना की।



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