डीएवी स्कूल में धूमधाम व हर्षोल्लास से मनाया गया गांधी व शास्त्री जी का जन्मदिवस




नवीन चौहान
डीएवी सेंटेनरी पब्लिक स्कूल जगजीतपुर में राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी की 150वीं वर्षगाँठ धूमधाम व हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। वही पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के जन्मदिवस पर उनके विचारों से छात्रों को अवगत कराया गया। स्कूल के कक्षा आठवीं, नवीं एवं दसवीं के विद्यार्थियों ने शिक्षकों एवं शिक्षिकाओं के साथ उत्तराखण्ड को सिंगल यूज प्लास्टिक मुक्त बनाने की शपथ लेते हुए जन-जागरण के लिए साइकिल रैली निकाली।


2 अक्टूबर 2019 की सुबह डीएवी सेंटेनरी स्कूल का प्रांगण राष्ट्रपिता महात्मा मोहन दास करमचंद गांधी व पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के नारों से गुंजायमान रहा। दोनों महान विभूतियों के जन्मदिवस पर स्कूल परिसर में बेहद भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। स्कूली विद्यार्थियों को दोनों महान व्यक्तित्व के जीवन चरित्र के आदर्शो से अवगत कराया गया। कार्यक्रम की शुरूआत प्रधानाचार्य पीसी पुरोहित ने मुख्य अतिथि आदेश चौहान (क्षेत्र विधायक) का फूलों से स्वागत करके की।

मुख्यातिथि आदेश चौहान ने विद्यार्थियों को प्लास्टिक से होने वाले नुकसान के बारे में विस्तार से जानकारी दी एवं समझाया कि यदि हम सब अपने पूर्वजों के जीने की पद्धति को अपना लें तो इस समस्या से शीघ्रता से समाधान पाया जा सकता है। मुख्यातिथि ने संबोधन के पश्चात् 124 विद्यार्थी एवं 12 शिक्षकों के समूह को हरी झण्डी दिखाकर हरिद्वार की जनता को संदेश देने हेतु रवाना किया गया।

सभी विद्यार्थी विद्यालय से ऋषिकुल चौराहे तक एवं बाईपास से होते हुए देशरक्षक चौराहे से वापिस विद्यालय पहुँचे। तत्पश्चात् विद्यालय के बहुद्देशीय सभागार में राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी एवं श्री लाल बहादुर शास्त्री जी को श्रद्धा सुमन अर्पित किए गए। विद्यालय के संगीत शिक्षकों श्रीमती अर्चना तलेगाँवकर, हिमांशु गुप्ता एवं गौरव रस्तोगी ने गाँधी जी के प्रिय भजन गाकर विद्यालय परिसर को भक्तिमय कर दिया। मंच संचालिका श्रीमती रेणु शर्मा, श्रीमती सुषमा शर्मा एवं श्रीमती हनी पटपटिया ने गाँधी जी के जीवन के प्रेरक प्रसंगों से विद्यार्थियों एवं उपस्थित जनों को अवगत करवाया। कम्प्यूटर अध्यापक वरूण शर्मा ने गाँधी जी के जीवन पर आधारित चलचित्र प्रस्तुत किया। प्रधानाचार्य पीसी पुरोहित ने सभी उपस्थिजनों को गांधी जी और लाल बहादुर शास्त्री जी के विचारों को जीवन में आत्मसात करने का आहवान किया। उन्होंने कहा कि इन दोनों महान विभूतियों के व्यक्तित्व का प्रकाश किसी भी मनुष्य के जीवन में प्रकाश फैला सकता है। उन्होंने इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सभी शिक्षकों एवं विद्यार्थियों का आभार व्यक्त किया।



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