मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत देंगे एक करोड़ का पुरस्कार, लेकिन करना एक होगा काम




नवीन चौहान
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने एक करोड़ का ईनाम देने की घोषणा की है। लेकिन इस ईनाम की राशि को पाने के लिए कुछ काम करना होगा। यह काम स्वच्छता के क्षेत्र में होगा। जी हां प्लास्टिक फ्री होने वाले पहले नगर निगम को एक करोड़ की पुरस्कार राशि पाने का मौका मिलेगा।
प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने देहरादून के एक स्थानीय होटल में स्वच्छ सर्वेक्षण-2020 विषय पर नगर निकायों एवं छावनी परिषदों की एक दिवसीय कार्यशाला का दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारम्भ किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड को प्लास्टिक फ्री बनाने की कवायद पर जोर दिया जायेगा। इसके लिए जनता को जागरूक किया जायेगा। इसके साथ ही उन्होंने घोषणा की जो पहला नगर निगम पूरी तरह से प्लास्टिक फ्री होगा उसको एक करोड़ रूपये का ईनाम दिया जायेगा। इसी तरह प्लास्टिक फ्री होने वाली पहली नगर पालिका को 75 लाख रूपये एवं नगर पंचायत को 50 लाख रूपये का ईनाम दिया जायेगा।
स्वच्छता सर्वेक्षण में भारत में प्रथम 100 में आने वाले प्रदेश के निकाय को एक करोड़ रूपये दिये जायेंगे। इसी तरह स्वच्छता रैंकिंग में प्रदेश में प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान पर आने वाले नगर निकायों को पुरस्कार राशि तीन गुना की जायेगी। अब इन नगर निकायों को क्रमशः 20 लाख, 15 लाख व 10 लाख के स्थान पर 60 लाख, 45 लाख व 30 लाख रूपये की धनराशि पुरस्कार स्वरूप दी जायेगी। नगर पालिकाओं को प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त करने पर क्रमशः 15 लाख, 10 लाख व 07 लाख रूपये की धनराशि मिलती थी, जो अब बढ़ाकर 45 लाख, 30 लाख व 21 लाख किया गया है। जबकि प्रथम तीन स्थान पर आने वाले नगर पंचायतों को मिलने वाली धनराशि क्रमशः 10 लाख, 08 लाख एवं 05 लाख से बढ़ाकर 30 लाख, 24 व 15 लाख रूपये प्रदान किये जायेंगे।
इस अवसर पर स्वच्छता रैंकिंग के तहत अच्छा कार्य करने वाले प्रथम तीन नगर निकायों को सम्मानित भी किया गया और प्रथम तीन स्थान प्राप्त करने वाले नगर निगमों को क्रमशः 20 लाख, 15 लाख एवं 10 लाख की धनराशि प्रदान की गयी।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने नगर निकायों की नियमावलियों की पुस्तक का विमोचन भी किया।



Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *