सरकार सो रही, मरीज रो रहे, डॉक्टर हड़ताल पर




नवीन चौहान
उत्तराखंड की सरकार सो रही है। प्रदेश के सैंकड़ों मरीज अस्पतालों के बाहर इलाज कराने के लिए रो रहे है। जबकि निजी चिकित्सक हड़ताल पर है। कुछ यही हाल हरिद्वार के अस्पतालों के बाहर है। क्लीनिकल इस्टैब्लिशमेंट एक्ट के विरोध में हरिद्वार जनपद के निजी चिकित्सकों की हड़ताल उग्र होती जा रही है। आईएमए और आयुष चिकित्सक पांच दिनों से अपने निजी अस्पताल और क्लीनिकों को बंद रखे हुए है। सरकार चिकित्सकों की बात सुनने को कतई तैयार नहीं है। इधर चिकित्सक हड़ताल खत्म करने को राजी नहीं है। मंगलवार को भी हरिद्वार जनपद के निजी चिकित्सकों ने अपनी बेमियादी हड़ताल को जारी रखा और सरकार के बात नहीं सुनने तक हड़ताल जारी रखने की घोषणा की। हालांकि इस हड़ताल से मरीजों का बुरा हाल है। आईएएम के चिकित्सकों और आयुष चिकित्सकों की इस बेमियादी हड़ताल से मरीजों की स्थिति बिगड़ती जा रही है।


बताते चले कि उत्तराखंड सरकार प्रदेश में क्लीनिकल इस्टैब्लिमेंट एक्ट को सख्ती से लागू करने जा रही है। सरकार के इस आदेश का निजी चिकित्सकों के संगठनों ने विरोध किया और आपत्ति दर्ज कराई। लेकिन निजी चिकित्सकों की आपत्ति का सरकार पर कोई फर्क नहीं पड़ा। जिसके बाद निजी चिकित्सकों ने हड़ताल पर जाने का मन बनाया। 15 फरवरी 2019 को जनपद हरिद्वार के तमाम निजी अस्पताल और आयुष चिकित्सकों ने हड़ताल करने का ऐलान कर दिया। जिसके बाद से ही जनपद के सभी निजी अस्पतालों में ताल लटके है। निजी चिकित्सक अपनी बात सरकार के कानों तक पहुंचाने के लिए धरना प्रदर्शन कर रहे है और संगठनों की बैठक कर रहे है। मंगलवार को एक बार फिर आईएमए के पदाधिकारियों ने बैठक की। आईएमए के अध्यक्ष डॉ जसप्रीत सिंह, सचिव डॉ विकास दीक्षित और कोषाध्यक्ष डॉ मोहित चौहान ने बताया कि निजी चिकित्सक अपने प्रतिष्ठानों को मजबूरीवश बंद करने को विवश है। सरकार की ओर से जारी किया गया एक्ट पूरी तरह से अव्यवहारिक है। इस एक्ट की विभिन्न शर्तो को पूरा नही किया जा सकता है। जबकि सरकार खुद अपने चिकित्सालयों में पीएचसी लागू करने में असमर्थ है। वही आयुष संगठन से जुड़े चिकित्सक डॉ सुशील शर्मा ने भी सरकार के एक्ट का विरोध किया। उन्होंने कहा कि सरकार निजी चिकित्सकों पर अपनी मनमानी थोप रही है। जो कि पूरी तरह से अव्यवहारिक है। इस दौरान आयुष विभाग के अध्यक्ष डॉ विरेंद्र सिंह वर्मा ने बताया कि निजी चिकित्सक सरकार का ही अंग है। लेकिन सरकार निजी चिकित्सकों के साथ दोहरा मापदंड अपना रही है। डॉ श्रवण कुमार, डॉ राजीव चौधरी, डॉ भविष्य, डॉ संजय कपूर, डॉ एसके शर्मा, डॉ हरप्रीत सिंह, डॉ जयदेव नारंग, डॉ सुभाष चंद्रा, डॉ रमेश मिश्रा, डॉ रविंद्र, डॉ धीरज, डॉ तरूण, डॉ दिनेश, डॉ सुभाष सहित तमाम चिकित्सकों ने हड़ताल का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि सरकार जब तक उनकी बातों को नही सुनेगी वह हड़ताल को जारी रखेंगे।
मरीजों का बुरा हाल
सरकार के एक फरमान के बाद जनपद हरिद्वार के निजी चिकित्सक हड़ताल पर हैं। पांच दिनों से चली आ रही इस हड़ताल का असर सरकार पर तो नहीं पड़ा अलबत्ता जनपद के मरीजों का बुरा हाल हो गया है। मरीज इलाज के लिए इधर-उधर भटक रहे है। जबकि सरकार को चिकित्सकों की आवाज सुनाई नही पड़ रही है।



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