नवीन चौहान
गायत्री विद्यापीठ शांतिकुंंज के दसवीं (सीबीएसई) के रिजल्ट को देखकर स्टूडेंट खुशी से झूम उठे। टॉपर बच्चों को प्रोत्साहित करते हुए विद्यापीठ की व्यवस्था मण्डल की प्रमुख शेफाली पण्ड्या ने कहा कि टॉपर होने का अर्थ दूसरों को प्रेरणा देना है, जिससे आपके सहपाठी छात्र-छात्राएँ भी आपकी तरह अपनी-अपनी कक्षा में सर्वोच्च अंक ला सके।
गायत्री विद्यापीठ की टॉपर कृष्णा लोधी (94 प्रतिशत) देश की सीमा को सुरक्षित करने में अपना योगदान देने के लिए संकल्प व्यक्त करते हैं। तो वहीं पयश्वनी यादव (92 प्रतिशत) सिविल सर्विस में अपना भविष्य संजाने की सपना देख रही है। श्रेयांश (89.8 प्रतिशत), प्रांशी महानंद (89.6 प्रतिशत), उपासना (88.2 प्रतिशत), नरेन्द्र ढोके (87.8 प्रतिशत), दीपाली गिरि (87.6 प्रतिशत), क्रांति साहू (87.4 प्रतिशत), श्रद्धा रघुवंशी (87.2 प्रतिशत) सहित अनेक बच्चों ने समाज से बुराइयों को जड़ से उखाड़ फेंकने की दिशा में अपनी प्रतिभा लगाने हेतु संकल्प व्यक्त किया। इसी तरह जाह्नवी सिंह, प्रज्ञेश बेहेरा, पूजा गढ़तिया आदि बच्चों ने भी उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। इन बच्चों ने इसका श्रेय पूज्य गुरुदेव व वंदनीया माता के आशीष व गायत्री विद्यापीठ के अभिभावकद्वय के प्रेम, सहकार को दिया।
प्रधानाचार्य सीताराम सिन्हा ने बताया कि गायत्री विद्यापीठ में इस वर्ष कुल 86 छात्र-छात्राओं ने परीक्षा में भाग लिया था। इनमें से 80 बच्चों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए अपने उज्ज्वल भविष्य की ओर कदम बढ़ाया है। विद्यापीठ के बच्चों की इस प्रदर्शन पर विद्यापीठ के अभिभावकद्वय श्रद्धेय डॉ. प्रणव पण्ड्या, श्रद्धेया शैलदीदी, व्यवस्थापक शिवप्रसाद मिश्र सहित विद्यापीठ के समस्त शिक्षकों व शांतिकुंंज परिवार ने बधाई दी है।