नवीन चौहान
कांग्रेस पार्टी ने लोकसभा चुनाव से पहले बड़ा दांव चला है। कांग्रेस पार्टी में प्रियंका गांधी की बतौर राजनेता एंट्री की गई है। कांग्रेसी समर्थक कई दशकों से प्रियंका गांधी को सियायत में उतारने की बात उठा रहे है। आखिरकार उनकी मुराद पूरी हो गई है। अब देखना होगा कि दोनों भाई बहन राहुल गांधी और प्रियंका गांधी सत्ता से बेदखल कांग्रेस पार्टी को दिल्ली की कुर्सी हासिल कर सकते है या नहीं।
बताते चले कि देश की सियासत पर 65 सालों से कांग्रेस पार्टी का कब्जा था। लेकिन साल 2014 में भाजपा की मजबूत सरकार सत्ता में आ गई। दिल्ली की कुर्सी पर भाजपा के वरिष्ठ नेता नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने। मोदी के कांग्रेस मुक्त भारत के मिशन के सामने कांग्रेस बिखरने लगी। कई राज्यों में भाजपा की सरकार बनी। परिवारवाद की राजनीति लेकर आगे बढ़ रही कांग्रेस में राहुल गांधी राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए गए। अब लोकसभा चुनाव से पूर्व प्रियंका गांधी को राजनीति में उतारा गया है। प्रियंका कांग्रेस की महासचिव के साथ-साथ यूपी की प्रभारी भी होगी। बताते चले कि कांग्रेस ने यूपी को दो हिस्सों में बांटा है। पूर्वी यूपी की कमान प्रियंका बाड्रा संभालेगी। पूर्वी यूपी में 21 जनपद है। जिसमें लोकसभा की 26 और विधानसभा की 130 सीट है। भोजपुरी भाषा वाली बेल्ट में प्रियंका का जादू चलेगा या नहीं ये तो चुनाव के बाद ही पता चलेगा। लेकिन फिलहाल कांग्रेस ने बड़ा दांव चल दिया है। प्रियंका के समर्थकों में काफी खुशी है।