भगत सिंह कोश्यारी संघ से लेकर भाजपा को समर्पित जीवन




नवीन चौहान
उत्तराखंड की राजनीति में सबसे कददावर माने जाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी का सियासी सफर बेदाग रहा। भ्रष्टाचार से कोसो दूर भगत सिंह कोश्यारी ने राजनीति के माध्यम से जनता की सेवा की। संघ से लेकर भाजपा तक के सफर में अपनी पार्टी के प्रति निष्ठावान रहे। जोश और जज्बा ऐसा कि युवाओं को भी मात दे दें। यही कारण रहा कि उम्र के इस पड़ाव में भी भाजपा उनकी योग्यता का पूरा लाभ लेना चाहती है। इयी के चलते उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी को महाराष्ट्र का राज्यपाल बनाया गया है। कोश्यारी के राज्यपाल बनने से समूचे उत्तराखंड में खुशी का माहौल है।
भगत सिंह कोश्यारी का जन्म 17 अक्टूबर 1942 को कुमाऊं के अल्मोड़ा जिले में हुआ। बचपन से ही प्रतिभावान कोश्यारी की शुरूआती शिक्षा अल्मोड़ा में हुई तथा आगरा विश्वविद्यालय से कोश्यारी ने अंग्रेजी साहित्य में आचार्य की उपाधि हासिल की। भगत सिंह कोश्यारी ने सादा जीवन उच्च विचारों के ध्येय का अनुसरण किया। सादगी की प्रतिमूर्ति कोश्यारी की सोच और विचार बहुत ऊंचे हैं। भगत सिंह कोश्यारी राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ से जुड़े हुए हैं। वर्ष 1977 के आपातकाल के समय आपातकाल के विरोध करने पर कोश्यारी जेल भी गये। इसके बाद वह वर्ष 2001 के समय जब नित्यानंद स्वामी की सरकर में ऊर्जा, सिंचाई और कानून आदि का मंत्री रहे। 2001 में वे उत्तराखंड राज्य के दूसरे मुख्यमंत्री बने। वह उत्तराखंड राज्य इकाई के बीजेपी के अध्यक्ष भी रहे थे तथा वर्ष 2002 से 2007 तक विधानसभा उत्तराखंड के विपक्ष के नेता के रूप में सेवा की हैं। वर्ष 2007 में हुए विधानसभा चुनावों में बीजेपी सत्ता में आयी। तो भुवन चंद्र खंडूरी को मुख्यमंत्री बनाया गया और भगत सिंह कोश्यारी को नैनीताल के सांसद का टिकट दिया गया। भगत दा ने यह सीट जीतकर भाजपा को दी। भगत दा ने भाजपा को शीर्ष तक पहुंचाने में पूरा दमखम लगाया। उत्तराखंड के अलावा कई अन्य राज्यों में भगतदा के प्रशंसक है। भगतदा के समर्थकों में एक बड़ा वर्ग है जो उनको आराम करते हुए नही देखना चाहता है। यही कारण है कि भगतदा पहाड़ नापते हुए कभी भी दिखाई दे जाते है। भगतदा ने अपनी बढ़ती आयु का हवाला देते हुए लोकसभा चुनाव 2019 से चुनाव नही लड़ने का मन बनाया तो तभी से यह कयास शुरू हो गए थे कि वह राज्यपाल बनाए जा सकते है। लेकिन नरेंद्र मोदी सरकार ने एक बार फिर उत्तराखंड को बड़ा मौका दिया और भगत दा को महाराष्ट्र का राज्यपाल बनाया है।



Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *