बाबा रामदेव ने संतों को भारत रत्न देने का किया आग्रह




नवीन चौहान
गणतंत्र दिवस पर्व पर ध्वजारोहण करने के बाद बाबा रामदेव बोले कि 70 साल में किसी सन्यासी को भारत रत्न क्यो नहीं दिया गया। जबकि भारत के सन्यासियों ने देश और समाजहित में अभूतपूर्व कार्य किए है। उन्होंने केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि अगले वर्ष दिए जाने वाले भारत रत्न की सूची में एक संत का नाम भी शामिल किया जाए।
योगगुरू स्वामी रामदेव और पतंजलि योगपीठ के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण ने संयुक्त रूप से पतंजलि फेस वन में 100 फीट ऊंचे तिरंगे को फहराया और झंडे को सलामी दी तथा देश के शहीदों को नमन किया। इस दौरान मीडिया ने बात करते हुए बाबा रामदेव ने कहा कि 70 सालों में भारत ने प्रगति के कई सौपान चढ़े है। लेकिन आज भी जातिवाद और भाईचारा सबसे बड़ी चुनौती बनी हुई है। इस दौरान बाबा रामदेव ने भारत रत्न पुरुस्कारों पर कहा कि मुखर्जी साहब ने देश के लिए सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक रूप से देश में बहुत बड़ा योगदान दिया। और वे सच में भारत रत्न के अधिकारी थे। उनको भारत रत्न देने से भारत रत्न पुरूस्कार भी गौरवान्वित हुआ हैं। भूपेन हजारिका और नाना साहब देशमुख को भी यह पुरुष्कार देकर केंद्र सरकार ने एक प्रशस्त कार्य किया हैं।उन्होंने कहा कि में सरकार से आग्रह करूँगा कि 70 सालों में कोई न कोई सन्यासी भी ऐसा हुआ होगा जिसने देश के लिए भारत रत्न गौरव पाने का कार्य किया होगा, लेकिन दुर्भाग्य है कि 70 वर्षों में एक भी सन्यासी को भारत रत्न पुरुष्कार से नहीं नवाजा गया। बाबा रामदेव ने महर्षि दयानंद सरस्वती ,स्वामी विवेकानन्द या आधुनिक युग की बात करें तो शिव कुमार स्वामी जैसे लोगों के नाम गिनायें। बाबा ने कहा शिवकुमार ने करीब एक करोड़ बच्चों को शिक्षा दीक्षा संस्कार देकर देश के लिए तैयार किया है। उन्होंने केंद्र सरकार से आग्रह करते हुए कहा कि अगली बार कम से कम किसी एक सन्यासी को भी भारत रत्न जरूर दिया जाए।
इस अवसर पर पतंजलि योगपीठ के विभिन्न प्रकल्पों के कर्मचारियों के अलावा बड़ी संख्या में आचार्य कुलम और पतंजलि गुरुकुलम और पतंजलि विश्वविद्यालय के बच्चों ने राष्ट्रीय पर्व के समारोह मद भाग लिया और राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराया।



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