खाते में 16 करोड़ डीएम दीपक रावत ने किया खाता बंद




नवीन चौहान
एचडीएफसी बैंक के खाते में 16 करोड़ रूपया जमा था। लेकिन डीएम दीपक रावत ने बैंक से खाता बंद कराने के आदेश जारी कर दिए। एचडीएफसी बैंक के डिस्ट्रिक कॉडिनेटर पारितोष धस्माना के महत्वपूर्ण बैठक में गैरहाजिर होने पर डीएम दीपक रावत ने यह निर्णय किया। उक्त 16 करोड़ की धनराशि कुंभ मेले संबंधी कार्यो को कराने के लिए जमा की गई है। डीएम इस आदेश के बाद बैठक में मौजूद अन्य बैंक प्रबंधकों में हड़कंप मच गया। हालांकि न्यूनतम ऋण जमा अनुपात के लक्ष्य को पूरा करने में बैंकों ने अच्छा कार्य किया। डीएम दीपक रावत ने बैंकों के कार्य की सराहना भी की।
गुरूवार को जिलाधिकारी दीपक रावत की अध्यक्षता में पंजाब नेशनल बैंक के मंडल कार्यालय के सभाकक्ष में जिला स्तरीय समीक्षा समिति एवं जिला सलाहकार समिति की बैठक आयोजित की गई। एलडीएम अनिल कुमार झा ने बताया कि ऋण जमा अनुपात का न्यूनतम लक्ष्य 40 प्रतिशत दिया गया था। जिले ने सभी बैंको के सहयोग से 64 प्रतिशत से अधिक रहा है। कुछ बैंक ही 40 प्रतिशत के लक्ष्य प्राप्ति में पिछड़े हैं। डीएम ने राष्ट्रीय एचडीएफसी की ओर से नियुक्त डिस्ट्रिक्ट काॅर्डिनेटर पारितोष धस्माना के बैठक में अनुपस्थित रहने पर बैंको द्वारा भारत सरकार की योजनाओं में राष्ट्रीय लक्ष्यों के प्राप्ति में लापरवाही मानते हुए कुम्भ मेला के खाते के रूप् में एचडीएफसी में खोला गया 16 करोड़ की धनराशि का खाता तत्काल बंद किये जाने के निर्देश दिये। डीएम ने सभी बैंको को कहा कि सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों के आवेदन, ऋण, स्वीकृत, रिजेक्ट तथा लम्बित की इस वर्ष की अंतिम सूचना 31 दिसम्बर तक लीड बैंक को अनिवार्य रूप् से उपलब्ध करायें। लीड बैंक मैनेजर 01 जनवरी को उक्त रिपोर्ट से डीएम को अवगत करायें ऐसा नहीं होने पर 01 जनवरी से साल भार हुई डीएलआरसी बैठको को गैर जिम्मेदाराना ढंग से लिये जाने पर उक्त बैंक के मुख्याल को जिलाधिकारी द्वारा व्यक्तिगत रूप् से कार्रवाई के लिए कहा जायेगा। वीडीओ मनविंदर कौर ने बैठक में जिलाधिकारी को अवगत कराया कि एसबीआई शाखा इकबालपुर तथा भगवानपुर के प्रबंधकों द्वारा स्वंय सहायता समुहों के ऋण खाते बैंक में खोल जाने पर हीलाहवाली तथा अनावश्यक प्रतीक्षा में समय लगाये जाने की बात कही। बीडीओ ने बताया कि उक्त शाखायें बीडीओ कार्यालय के पत्राचार भी ध्यान नहीं दे रहे हैं। इस पर डीएम ने जिलाधिकारी के अधीनस्थ अधिकारियों तथा कार्मिकों के प्रति शिष्ट आचारण का प्रशिक्षण प्रबंधको दिये जाने की बात उच्च अधिकारियों से कही। उन्होंने 24 घण्टे के भीतर ये खाते खोले जाने के भी निर्देश दिये।
स्टैण्ड अप योजना के अंतर्गत अनुसूचित जाति, जनजाति, तथा महिला वर्ग के लिए दिये जाने वाले ऋण की स्थिति अधिकतम बैंको में शून्य पाये जाने पर डीएम समाज कल्याण अधिकारी तथा जिला उद्योग महाप्रबंधक को निर्देश दिये कि दोनों विभाग योजना की लक्ष्य प्राप्ति के लिए प्रति शाखा पर दो लाभार्थियों को ऋण उपलब्ध कराते हुए लक्ष्य प्राप्ति करें। योजना लक्ष्य प्राप्ति का संज्ञान दोनो अधिकारियों की वार्षिक चारित्रिक प्रविष्ट मे ंलिया जायेगा। जिलाधिकारी ने स्पष्ट रूप से बैंकों को निर्देश दिये कि वह बैंको के माध्यम से चलने वाली सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं के लाभ में टालमटोल करने वाले बैंकों को पर कार्रवाई करने से नहीं चूकेंगें। उन्होंनें बैंको को कहा कि बैंक गरीब तथा जरूरतमंद लोगों के लिए बनी सरकारी योजनाओं के खाते एनपीए होने की आशंका से योजनओं के लक्ष्य पूर्ति में बाधा बन रहे हैं।
उन्होंने एसीबीआई की समस्त शाखाओं में प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के लम्बित कुल 021 आवेदनो को 01 जनवर तक निस्तारण के निर्देश दिये। अनुसूचित जाति जनजति को दिये जाने वाली बीस हजार से सात लाख तक की धनराशि के लोन के 13 में 7 आवेदन निरस्त कर दिये जाने पर डीएम ने इन आवेदनों के निरस्त होने के कारण ओबीसी बैंक को लिखित रूप् से अगली बैठक में बताये जाने के निर्देश दिये। एलडीएम को निर्देश दिये कि अगली बैठक इसी एजेंडा से प्रारम्भ की जाये। समीक्षा बैठक में जनपद के सर्वांगीण विकास के लिए ऋण जमा अनुपात, वार्षिक ऋण योजना 2018-19 की प्रगति की समीक्षा करते हुए कृषि, एमएसएमी तथा प्राथमिकता क्षेत्र को आवंटित लक्ष्यों की जानकारी ली। प्रधानमंत्री जन-धन योजना, आधार सीडिंग, मुद्रा लोन मुद्रा योजना, किसान क्रेडिट कार्ड योजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, वीर चन्द्र सिंह गढवाली पर्यटन स्व रोजगार योजना आदि की समीक्षा की।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी विनीत तोमर, मण्डल प्रमुख पीएनबी कुलदीप शर्मा, एलडीएम अनिल झा, जिला विकास अधिकारी पुष्पेंद चौहान, सहित अनेक जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे।



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